बिहार में 1300 KM की यात्रा करने वाले राहुल को 13 सीटें भी नहीं मिली, जहां से गुजरे वहां MGB का हो गया सफाया!

Voter Adhikar Yatra: बिहार में जिन इलाकों से वोटर अधिकार यात्रा निकली, वहां से महागठबंधन को बुरी हार मिली है. राहुल गांधी को 1300 किमी. की यात्रा में 13 सीट भी नहीं मिली.
Bihar Voter Adhikar Yatra route where NDA secured victory in 2025 elections

बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव (file Photo)

Congress RJD Yatra Analysis: बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद यह साफ हो गया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव द्वारा निकाली गई वोटर अधिकार यात्रा पूरी तरह फेल रही. जिस रूट से यह यात्रा गुजरी, वहां ज्यादातर सीटों पर एनडीए ने एकतरफा जीत दर्ज की. यानी इस यात्रा का चुनावी असर न के बराबर रहा. शुक्रवार को आए नतीजों में एनडीए को 202 सीटें मिली तो वहीं महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटें मिली हैं.

25 जिलों के गुजरी यात्रा

महागठबंधन ने यह यात्रा चुनाव के कुछ सप्ताह पहले ही शुरू की थी. जिसमें दावा किया कि ‘वोटों की रक्षा’ और ‘वोट चोरी के खिलाफ आवाज’ उठाई गई है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना था कि इससे जमीनी पकड़ मजबूत होगी लेकिन नतीजों ने पानी फेर दिया. महागठबंधन की यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम के डेहरी से शुरू हुई थी, जो बिहार के 25 जिलों से होकर गुजरी.

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जहां से निकली यात्रा, वहां से MGB का सफाया

एनडीए के बड़े नेता जिन सीटों पर चुनाव प्रचार किए, वहां ज्यादातर उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. वहीं, महागठबंधन में बिल्कुल उल्टा निकला. महागठबंधन ने जिन क्षेत्रों में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाली और खूब मेहनत की. वहां के परिणाम निराशाजनक रहे. कांग्रेस पार्टी को इन क्षेत्रों की केवल 1 ही सीट पर जीत मिल पाई है, वह सीट है अररिया. जहां से कांग्रेस के अबिदुर रहमान ने जेडीयू के शगुफ्ता अजीम को हराया है.

1300 किमी. की ‘वोटर अधिकार यात्रा’

वोटर अधिकार यात्रा का समापन 1 सितंबर को किया गया था. जिसमें राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, सीपीआई (एमएल) के दीपंकर भट्टाचार्य और वीआईपी के मुकेश सहनी समेत कई दिग्गज शामिल हुए. बिहार में यह यात्रा करीब 1300 किमी. रही. नतीजों को देखने के बाद ऐसा नहीं लगता कि बिहार में इस यात्रा का कोई खास प्रभाव पड़ा. इससे न तो जनसमर्थन जुड़ा और न ही राजनीतिक हवा बदली. बल्कि जिन इलाकों से यात्रा गुजरी, वहां महागठबंधन को करारी हार मिली. यानी कहा जा सकता है कि 1300 किमी. की यात्रा करने वाले राहुल गांधी को 13 सीटें भी नहीं मिल पाईं.

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