अभी BJP को नहीं मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष! बिहार चुनाव ने डाला अड़ंगा, जानिए सस्पेंस पर सस्पेंस क्यों?

BJP Organizational Election: बीजेपी के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब तक नहीं हो सकता, जब तक आधे से ज्यादा राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे न हो जाएं. जुलाई 2025 तक 16 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष चुने जा चुके थे. अब यह प्रक्रिया लगभग पूरी होने की कगार पर है.
BJP National President

प्रतीकात्मक तस्वीर

BJP National President: भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों एक सवाल हर किसी की जुबान पर है कि पार्टी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पहले ही बढ़ाया जा चुका है और अब नया चेहरा चुनने की कवायद शुरू हो चुकी है. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों ने इस चर्चा को और रोमांचक बना दिया है.

लंबी पारी खेल रहे हैं जेपी नड्डा

जेपी नड्डा जनवरी 2020 से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभाल रहे हैं. उनका कार्यकाल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बढ़ाया गया था, जिसने कई सवाल खड़े किए. अब जब बिहार में चुनावी बिगुल बजने वाला है, तो पार्टी के भीतर यह चर्चा तेज हो गई है कि नया अध्यक्ष कब और कौन होगा. बीजेपी का यह पद बेहद अहम है, क्योंकि यह न सिर्फ संगठन को दिशा देता है, बल्कि पार्टी की रणनीति और भविष्य को भी आकार देता है.

बिहार चुनाव ने डाला अड़ंगा

शुरुआत में खबर थी कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. लेकिन अब भारत निर्वाचन आयोग की टीम पटना पहुंच चुकी है. जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है. ऐसे में बीजेपी का फोकस फिलहाल बिहार पर है और अध्यक्ष का चुनाव शायद चुनाव बाद ही हो. हाल ही में चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और अन्य अधिकारियों के नेतृत्व में एक दल बिहार में तैयारियों की समीक्षा कर रहा है. यानी, सियासी माहौल अभी पूरी तरह से चुनावी रंग में रंगा हुआ है.

कौन हैं दावेदार?

हालांकि बीजेपी ने अभी तक कोई आधिकारिक नाम सामने नहीं रखा है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई दिग्गजों के नामों की चर्चा जोरों पर है. कुछ लोग अनुभवी नेताओं पर दांव लगा रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि पार्टी किसी युवा चेहरे को मौका दे सकती है. संगठन के भीतर चल रही खींचतान और रणनीतिक बैठकों ने इस सवाल को और रहस्यमयी बना दिया है. क्या कोई बड़ा सरप्राइज होने वाला है? यह तो वक्त ही बताएगा.

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बीजेपी की रणनीति

बीजेपी के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब तक नहीं हो सकता, जब तक आधे से ज्यादा राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे न हो जाएं. जुलाई 2025 तक 16 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष चुने जा चुके थे. अब यह प्रक्रिया लगभग पूरी होने की कगार पर है. यानी, नया अध्यक्ष चुनने का रास्ता साफ हो रहा है. लेकिन बिहार चुनाव के बाद ही इस पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है.

क्या है इस पद का महत्व?

बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि पार्टी का सिरमौर होता है. यह नेता न सिर्फ संगठन को एकजुट रखता है, बल्कि सरकार और पार्टी के बीच तालमेल बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में यह फैसला बीजेपी के भविष्य की दिशा तय करेगा. क्या पार्टी अनुभव को तरजीह देगी या नई पीढ़ी को मौका देगी?

सियासी पंडितों की नजर इस सवाल पर टिकी है. फिलहाल, बीजेपी बिहार चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. राघोपुर जैसे हॉट सीटों पर तेजस्वी यादव को घेरने की रणनीति बन रही है और पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. लेकिन जैसे ही बिहार का चुनावी शोर थमेगा, सबकी नजर बीजेपी के दिल्ली मुख्यालय पर होगी, जहां नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी. तब तक, सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म रहेगा.

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