“पापा, एक केक ले आइए, मैं हंसते हुए विदा लेना चाहती हूं…”, दिल चीर देगी पीहू की कहानी
कैंसर से हुई पीहू की मौत
Pihu Cancer Story: कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनकी मुस्कान और हिम्मत सबसे मुश्किल हालातों को भी मात दे देती है. 27 साल की प्रियंका उर्फ पीहू ऐसी ही एक शख्सियत थीं. हड्डियों के कैंसर (Ewing Sarcoma) से जूझते हुए भी उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक हौसला नहीं हारा. उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कैसे मुश्किल घड़ी में भी मुस्कान के साथ जिया जा सकता है.
आईसीयू में आखिरी जन्मदिन का जश्न
27 साल की उम्र में जब जिंदगी पूरी तरह से खिल रही थी, पीहू कैंसर से लड़ रही थीं. डॉक्टरों ने परिवार को बता दिया था कि उनके पास ज्यादा समय नहीं है. मौत के करीब, 25 अगस्त को पीहू ने एक ऐसी ख्वाहिश जाहिर की, जिसने सबको भावुक कर दिया. उन्होंने अपने पिता से कहा, “पापा, एक केक ले आइए… मैं अपने आखिरी पल रोते हुए नहीं, हंसते हुए बिताना चाहती हूं.”
अस्पताल का माहौल गमगीन था, लेकिन पीहू की इस इच्छा ने सबके दिल को छू लिया. आईसीयू में मशीनों के बीच, परिवार और अस्पताल के स्टाफ की मौजूदगी में केक काटा गया. केक पर लिखा था, “पीहू-लकी”. लकी पीहू के पति लक्ष्यराज सिंह हैं. पीहू ने अपने हाथों से सबको केक खिलाया और कहा, “मैं जल्द ही ठीक होकर घर जाऊंगी.”
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दर्द को छिपाकर जीने की सीख
पीहू ने अपने पूरे इलाज के दौरान कभी हार नहीं मानी. फरवरी 2023 में कैंसर का पता चलने के बाद से उन्होंने तीन सर्जरी करवाईं. उनके पति लक्ष्यराज और पूरा परिवार हर पल उनके साथ था. पिता नरपत सिंह बताते हैं कि पीहू पढ़ाई में बहुत होशियार थीं और उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की पढ़ाई की थी. उनकी शादी जनवरी 2023 में हुई थी, जिसके कुछ ही समय बाद उन्हें यह बीमारी हुई.
बीमारी के आखिरी दिनों में भी उनकी हिम्मत बनी रही. 2 सितंबर की दोपहर, जब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्होंने अपने भाई से कहा, “जाकर खाना खा ले… मैं कहीं नहीं जा रही.” कुछ ही देर बाद, एक मुस्कान के साथ उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. डॉक्टर भी मानते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में कई कैंसर मरीज देखे, लेकिन पीहू जैसी हिम्मत बहुत कम लोगों में होती है. उन्होंने दर्द को छिपाकर, मुस्कुराते हुए जीने की जो सीख दी, वह हमेशा याद रहेगी.