2026 में संसद में ‘जीरो’ हो जाएगी बसपा, 36 सालों में पहली बार मायावती की पार्टी को देखना पड़ेगा ये दिन!
मायावती (फाइल फोटो)
BSP Political Challenges: बहुजन समाजवादी पार्टी का जनाधार लगातार सिमटता जा रहा है. पहले यूपी विधानसभा, फिर लोकसभा और अब राज्यसभा से भी कमजोर होती दिख रही है, जिस पार्टी का कई सालों तक उत्तर प्रदेश में राज रहा हो. आज उसकी यह हालत हो गई है कि यूपी में सिर्फ 1 विधायक बचे हैं. लोकसभा में तो खाता ही नहीं खुला. राज्यसभा में 1 सांसद हैं, जिनका कार्यकाल भी 2026 में पूरा हो जाएगा. यानी कि अब बसपा की आवाज 2026 के बाद संसद में सुनने को नहीं मिलेगी.
बता दें, बसपा के इकलौते राज्यसभा सांसद रामजी गौतम हैं, जिनका कार्यकाल नवंबर 2026 में समाप्त हो रहा है. यह पहली बार होगा कि जब संसद के दोनों सदनों में से एक में भी बसपा के सदस्य नहीं रहेंगे. बसपा के राज्यसभा सासंद रामजी गौतम 2019 में भाजपा के समर्थन से सांसद चुने गए थे, जो अब रिटायर हो जाएंगे. इसके साथ ही संसद में बसपा की वापसी के आसार बिल्कुल भी नहीं दिखाई दे रहे हैं.
यूपी के 10 सांसद हो रहे रिटायर
यूपी के कुल 10 राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, जिसमें सीमा द्विवेदी, बृजलाल, हरदीप सिंह पुरी, चंद्रप्रभा उर्फ गीता, नीरज शेखर, अरुण सिंह, दिनेश शर्मा और बीएल वर्मा का नाम शामिल है. ये सभी भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं. इसके अलावा 1-1 सांसद सपा और बसपा से हैं. सपा से रामगोपाल यादव और बसपा से रामजी गौतम राज्यसभा से सांसद हैं. जिनका कार्यकाल नवंबर 2026 में खत्म हो रहा है..
एक भी सीट जीतने की स्थिति में नहीं BSP
दरअसल, 1 राज्यसभा सांसद बनाने के लिए 37 विधायकों का समर्थन जरूरी है. यूपी में कुल 402 सीटों में से सबसे ज्यादा भाजपा के पास 258, अपना दल से 13, सपा के 103, निषाद पार्टी के 5, रालोद के 9, कांग्रेस के 2, सुभासपा के 6, बसपा के 1 और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 विधायक हैं. इसके अलावा सपा से 3 वागी विधायक हैं. इस लिहाज से सबसे ज्यादा राज्यसभा सांसद भाजपा के रहेंगे. यानी भाजपा से 8 और सपा से 2 सदस्य राज्यसभा जा सकते हैं. मौजूदा स्थिति को देखा जाए तो बसपा किसी ओर से राज्यसभा सीट जीतने की स्थिति में नहीं है.