2023 में चुराया, 2025 में लौटाया…चोरी के फोन अब कूरियर से लौट रहे घर, CEIR पोर्टल बना गेम-चेंजर!
अब चोरी के फोन लौटाने लगे हैं चोर
Stolen Phones Recovery: अगर आपका फोन चोरी हो गया है, तो निराश होने की जरूरत नहीं. अब चोरी हुए फोन कूरियर के जरिए अपने असली मालिकों तक पहुंच रहे हैं, और इसका श्रेय जाता है सरकार के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल को. यह पोर्टल चोरी हुए फोन को उनके IMEI नंबर के जरिए ट्रैक करता है. दरअसल, गाजियाबाद पुलिस ने इसकी मदद से पिछले दो साल में करीब 1200 फोन बरामद किए हैं. देशभर में लाखों फोन अपने मालिकों तक पहुंच रहे हैं और यह सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है.
कैसे काम करता है CEIR?
CEIR पोर्टल फोन के यूनिक IMEI नंबर को ट्रैक करता है. अगर आपका फोन चोरी हो जाता है, तो आप इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इसके बाद, जैसे ही चोरी हुआ फोन किसी नए सिम के साथ ऑन होता है, पोर्टल उसे ट्रैक कर लेता है. पुलिस उस नंबर तक पहुंचती है और फोन के मौजूदा यूजर को सूचित करती है. हैरानी की बात? कई लोग फोन वापस करने को तैयार हो जाते हैं.
गाजियाबाद में चमका CEIR का जादू
गाजियाबाद में पुलिस ने CEIR की मदद से 1200 फोन बरामद किए. इनमें से 70 फोन तो देश के अलग-अलग हिस्सों से कूरियर के जरिए वापस आए. मिसाल के तौर पर, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का फोन 16 अक्टूबर 2023 को दिल्ली में ऑटो में चोरी हुआ था, छह महीने बाद पुलवामा से कूरियर के जरिए वापस आया. फोन के मालिक ने मीडिया से कहा, “मैंने तो उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन पुलिस ने फोन वापस दिला दिया.”
पुलवामा के एक शख्स ने बताया कि उसने एक दुकान से सस्ता फोन खरीदा था, लेकिन जब पुलिस ने बताया कि यह चोरी का है, तो उसने बिना देर किए फोन कूरियर कर दिया. ऐसे ही, बठिंडा के एक यूजर ने भी अपना फोन वापस भेजा, जो उसने दिल्ली के एक दुकान से खरीदा था.
देशभर में शानदार नतीजे
CEIR की शुरुआत 16 मई 2023 से हुई थी, और तब से अब तक देशभर में 50 लाख से ज्यादा फोन इस पोर्टल पर रजिस्टर हुए. इनमें से 31 लाख फोन ब्लॉक किए गए, 19 लाख ट्रैक हुए और 4.22 लाख फोन अपने मालिकों तक पहुंचे. उत्तर प्रदेश में 1.7 लाख फोन ब्लॉक हुए और 27,537 बरामद किए गए. तेलंगाना, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में भी रिकवरी की रफ्तार शानदार है.
चुनौतियां भी कम नहीं
हालांकि, CEIR का जादू हर बार काम नहीं करता. कई बार फोन के IMEI नंबर को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा, पुलिस के पास भारी काम का बोझ और स्टाफ की कमी भी रिकवरी की रफ्तार को धीमा करती है. फिर भी, गाजियाबाद के एडिशनल IPS आलोक प्रियदर्शी का कहना है, “हम लगातार कोशिश कर रहे हैं. फोन ट्रैक करना आसान नहीं, लेकिन CEIR ने इसे पहले से कहीं बेहतर बना दिया है.”
लौट रहा भरोसा, बढ़ रही जागरूकता
CEIR न सिर्फ फोन वापस ला रहा है, बल्कि लोगों का पुलिस पर भरोसा भी बढ़ा रहा है. गाजियाबाद के बिनोद कुमार गुप्ता, जिनका फोन बस में चोरी हुआ था. उन्होंने कहा, “मुझे लगा था फोन गया, लेकिन पुलिस ने इसे बठिंडा से वापस दिलाया. मेरे जरूरी दस्तावेज और बैंकिंग ऐप उसमें थे. पुलिस का शुक्रिया.”
अगर आपका फोन चोरी हो जाए, तो तुरंत CEIR पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें. वहीं, अगर आप सेकंड-हैंड फोन खरीद रहे हैं, तो उसके IMEI नंबर की जांच जरूर करें. आखिर, आपका छोटा-सा कदम किसी का खोया फोन वापस ला सकता है.