‘संविधान की शक्ति ने साधारण व्यक्ति को बनाया प्रधानमंत्री,’ PM मोदी का देशवासियों के नाम पत्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस पर देशवासियों के नाम पत्र लिखा.
Constitution Day 2025 PM Modi letter: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस पर देशवासियों के नाम चिठ्ठी लिखी है. जिसमें पीएम ने संविधान को लेकर अपने अनुभव शेयर किए हैं. पत्र में उन्होंने अपने राजनीतिक सफर को लेकर बताया कि कैसे संविधान की शक्ति ने साधारण व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया. पढ़ें पूरा पत्र.
पीएम मोदी ने अपने पत्र में लिखा, 26 नवंबर हर भारतीय के लिए बहुत गौरवशाली दिन है. इसी दिन 1949 में संविधान सभा ने भारत के संविधान को स्वीकार्य किया था. इसलिए एक दशक पहले, साल 2015 में NDA सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था.
संविधान की ताकत साधारण व्यक्ति को बनाया PM
ये भारत के संविधान की ही शक्ति है जिसने मुझ जैसे गरीब परिवार से निकले साधारण व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर पहुंचाया है. संविधान की वजह से मुझे 24 वर्षों से निरंतर सरकार के मुखिया के तौर पर काम करने का अवसर मिला है. मुझे याद है, साल 2014 में जब मैं पहली बार संसद भवन में प्रवेश कर रहा था, तो सीढ़ियों पर सिर झुकाकर मैंने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को नमन किया. साल 2019 में जब चुनाव परिणाम के बाद मैं संसद के सेंट्रल हॉल में गया था, तो सहज ही मैंने संविधान को सिर माथे लगा लिया था.
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संविधान दिवस पर हम डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद समेत उन सभी महान विभूतियों का स्मरण करते हैं, जिन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में अपना अहम योगदान दिया है. डॉक्टर बाबासाहेब अम्बेडकर की भूमिका को भी हम सभी याद करते हैं, जिन्होंने असाधारण दूरदृष्टि के साथ इस प्रक्रिया का निरंतर मार्गदर्शन किया. संविधान सभा में कई प्रतिष्ठित महिला सदस्य भी थीं, जिन्होंने अपने प्रखर विचारों और दृष्टिकोण से हमारे संविधान को समृद्ध बनाया.
2049 में संविधान से 100 साल होंगे पूरे
पीएम मोदी ने अपने पुराने कार्यकाल को याद करते हुए लिखा, साल 2010 में जब संविधान के 60 वर्ष हुए थे, तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था. 2010 के उस साल में गुजरात में ‘संविधान गौरव यात्रा’ निकाली गई थी. इस पवित्र ग्रंथ की प्रतिकृति को एक हाथी के ऊपर रखकर मैंने उस भव्य यात्रा की अगुवाई की थी. जब संविधान के 75 वर्ष पूरे हुए, तो ये हमारी सरकार के लिए ऐतिहासिक अवसर बनकर आया. हमें देशभर में विशेष अभियान चलाने का सौभाग्य मिला. संविधान के 75 वर्ष होने पर हमारी सरकार ने संसद का विशेष सत्र आयोजित किया और राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान भी चलाया. ये अभियान जन-भागीदारी का बड़ा उत्सव बन गया. साल 2049 में संविधान निर्माण के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे. हम आज जो नीतियां बनाएंगे, जो निर्णय लेंगे, उसका प्रभाव आने वाले वर्षों पर, आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा.
26 नवंबर को फर्स्ट-टाइम वोटर्स का करें सम्मान
संविधान ने हमें मतदान का अधिकार दिया है. एक नागरिक के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि मतदान का कोई अवसर छोड़े नहीं. हमें 26 नवंबर को स्कूलों में, कॉलेजों में उन युवाओं के लिए विशेष सम्मान समारोह आयोजित करने चाहिए, जो 18 वर्ष के हो रहे हैं. हमें उन्हें यह महसूस कराना चाहिए कि वे अब केवल छात्र या छात्रा नहीं, बल्कि नीति निर्माण की प्रक्रिया के सक्रिय सहभागी हैं. स्कूलों में हर वर्ष 26 नवंबर को फर्स्ट-टाइम वोटर्स का सम्मान करने की परंपरा विकसित होनी चाहिए. जब हम इस तरह युवाओं में जिम्मेदारी और गर्व का भाव जगाएंगे, तो वे जीवनभर लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति समर्पित रहेंगे. यही समर्पण एक सशक्त राष्ट्र की नींव बनता है.