पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध के खिलाफ दिल्ली सरकार ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख, 28 जुलाई को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार
Delhi government: दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 2018 के उस आदेश की समीक्षा के लिए याचिका दायर की है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था. यह आदेश वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत लागू किया गया था. 1 जुलाई से इस नीति के तहत दिल्ली में इन वाहनों को ईंधन देने और सड़कों पर चलाने पर रोक लगाई गई थी, जिससे 62 लाख वाहन प्रभावित हुए.
दिल्ली सरकार की याचिका
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि 2018 के आदेश पर पुनर्विचार किया जाए, क्योंकि यह नियम केवल वाहनों की उम्र पर आधारित है, न कि उनके प्रदूषण स्तर पर. सरकार का तर्क है कि BS-6 उत्सर्जन मानक वाले वाहन BS-4 वाहनों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं और उम्र के आधार पर प्रतिबंध लगाना मध्यम वर्ग और छोटे कारोबारियों के लिए अन्यायपूर्ण है. सरकार ने केंद्र और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से वैज्ञानिक अध्ययन कराने की मांग की है, ताकि वाहनों की फिटनेस और उत्सर्जन के आधार पर नीति बनाई जाए.
सुनवाई की तारीख और बेंच
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 28 जुलाई को होगी, जिसमें 3 जजों की बेंच शामिल हो सकती है. दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि यह प्रतिबंध व्यावहारिक नहीं है और इससे जनता को भारी असुविधा हो रही है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह नियम दिल्ली में अन्य शहरों की तुलना में सख्त है और जनता के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा रही है. उन्होंने पिछली सरकारों पर पर्यावरण के लिए अपर्याप्त कार्य करने का आरोप लगाया.
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कई पुराने वाहनों का प्रदूषण स्तर कम है और उम्र के बजाय प्रदूषण स्तर के आधार पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. उन्होंने CAQM को पत्र लिखकर तकनीकी चुनौतियों का हवाला देते हुए ईंधन प्रतिबंध को निलंबित करने की मांग की थी.
जनता और तकनीकी चुनौतियां
1 जुलाई 2025 से लागू इस नीति ने दिल्ली में 62 लाख वाहनों (41 लाख दोपहिया और 18 लाख चारपहिया) को प्रभावित किया. ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरों के जरिए पुराने वाहनों की पहचान की जा रही थी, लेकिन तकनीकी खामियां, जैसे सेंसर की अक्षमता और NCR के डेटा से एकीकरण की कमी, इसे लागू करने में बाधा बनी. भारी जनविरोध के बाद सरकार ने इस अभियान को अस्थायी रूप से रोक दिया.
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वैकल्पिक सुझाव
दिल्ली सरकार ने सुझाव दिया है कि वाहनों को उनकी उम्र के बजाय प्रदूषण स्तर के आधार पर वर्गीकृत किया जाए. इसके अलावा, पुराने स्कूटरों को इलेक्ट्रिक में बदलने की योजना पर भी विचार चल रहा है. सरकार का कहना है कि दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था इस बड़े प्रतिबंध को संभालने के लिए तैयार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट की 28 जुलाई की सुनवाई में दिल्ली सरकार अपनी याचिका में BS-6 वाहनों को छूट देने और NCR में एकसमान नीति लागू करने की मांग करेगी. सरकार ने यह भी अनुरोध किया है कि केंद्र और CAQM पुराने वाहनों के प्रभाव पर वैज्ञानिक अध्ययन करें.