बीवी-बेटी चट कर जाती हैं भारतीय शहद, फिर भी जहर उगल रहे हैं ट्रंप, व्यापार पर मंडराया खतरा!
ट्रंप की बेटी खाती है भारतीय शहद!
US Tariffs On India: अमेरिका में भारतीय शहद को खूब पसंद किया जाता है. फर्स्ट फैमिली से लेकर वहां के आम घरों तक, भारतीय शहद की दीवानगी पुरानी है. डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका अपनी हेल्दी स्मूदी में शहद डालकर दिन की शुरुआत करती हैं, तो उनकी सौतेली मां मेलानिया भी विटामिन से भरपूर ड्रिंक्स में इसका इस्तेमाल करती हैं. खुद ट्रंप साहब को भी फास्ट फूड के साथ शेक पसंद हैं, जिसमें शहद का जादू झलकता है. लेकिन अब, ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50% टैरिफ ठोक दिया है, जिससे ये मीठा व्यापार कड़वा हो गया है.
ट्रंप परिवार का शहद प्रेम
ट्रंप परिवार का भारतीय शहद से लगाव कोई नई बात नहीं. फिटनेस लवर इवांका ट्रंप अपनी मॉर्निंग रूटीन में प्रोटीन शेक और स्मूदी बनाती हैं. इनमें ऑर्गेनिक शहद का स्पेशल टच होता है, केल, ग्रीक योगर्ट और बादाम के साथ मिलाकर वो एक हेल्दी ब्लेंड तैयार करती हैं. एक पॉडकास्ट में उन्होंने खुद बताया कि ये उनके मसल्स बिल्डिंग का राज है.
वहीं, मेलानिया ट्रंप अपनी डेली डाइट में शहद को शामिल करती हैं. 2013 में उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया था कि पालक, अजवाइन, शहद और ऑलिव ऑयल वाली स्मूदी उनकी फेवरेट है. ट्रंप साहब तो फास्ट फूड के शौकीन हैं, लेकिन उनके डिनर में भी शहद वाली डिशेज दिखी हैं, जैसे उत्तर कोरिया के किम जोंग उन के साथ डिनर में शहद बेस्ड फूड सर्व किया गया था. अमेरिका में लाखों लोग भारतीय शहद से अपनी सुबह मीठी बनाते हैं, क्योंकि ये नैचुरल, प्योर और हेल्दी है. लेकिन ये प्यार अब महंगा साबित हो रहा है.
दुनिया का बड़ा शहद उत्पादक है भारत
भारत दुनिया का बड़ा शहद उत्पादक है. 2024-25 में हमने करीब 1.52 लाख टन शहद बनाया, जिसमें से आधे से ज्यादा यानी 79,000 टन से ऊपर अमेरिका को भेजा गया. कुल शहद निर्यात 1 लाख टन से ज्यादा था, जिसकी वैल्यू 1750 करोड़ रुपये. उत्तर प्रदेश का सहारनपुर इसकी ‘राजधानी’ है, यहां से 10,000 टन शहद सालाना अमेरिका जाता है. मधुमक्खी पालक किसान और छोटे एक्सपोर्टर इस पर निर्भर हैं. लेकिन अब 50% टैरिफ से ये सपना चूर हो रहा है. एक्सपोर्टर्स के ऑर्डर कैंसल हो रहे हैं, माल होल्ड पर पड़ा है और किसानों की कमाई पर संकट मंडरा रहा है. सहारनपुर के एक्सपोर्टर्स बता रहे हैं कि अमेरिकी खरीदार अब अर्जेंटीना या वियतनाम जैसे देशों की ओर रुख कर रहे हैं, जहां टैरिफ कम हैं.
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मीठे शहद पर कड़वा असर
ट्रंप का ये फैसला रूस से तेल खरीदने पर सजा है. पहले 25% टैरिफ था, अब कुल 50% हो गया है. ये सिर्फ शहद नहीं, पूरे एग्रीकल्चर और फूड सेक्टर को झटका देगा. भारत का शहद उद्योग 3500 करोड़ का है, लेकिन अब घरेलू मार्केट में कीमतें गिरेंगी, क्योंकि एक्सपोर्ट रुक जाएगा. किसानों को नुकसान होगा. मधुमक्खी पालन पर निवेश डूबेगा.
लेकिन फायदा? अर्जेंटीना, वियतनाम जैसे देशों को मिलेगा, जो सस्ता शहद भेज सकेंगे. भारत सरकार ने न्यूनतम एक्सपोर्ट प्राइस 2000 डॉलर से घटाकर 1400 डॉलर किया है, ताकि थोड़ी राहत मिले. राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन मिशन से वैज्ञानिक तरीके अपनाने को बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन ये टैरिफ तुरंत सब रोक देगा.
डिप्लोमेसी से बातचीत हो सकती है. किसानों और एक्सपोर्टर्स को सपोर्ट चाहिए. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब जैसे राज्य शहद के बड़े उत्पादक हैं. इनकी मेहनत बेकार न जाए. ट्रंप परिवार का शहद प्रेम तो जारी रहेगा, लेकिन क्या वो इस टैरिफ के खिलाफ आवाज उठाएंगे? वक्त बताएगा. फिलहाल, भारतीय शहद की मिठास बचाने के लिए हमें स्मार्ट स्ट्रैटेजी अपनानी होगी.