BJP-Congress को चुनावी ट्रस्ट में कहां से कितना मिला डोनेशन? TATA समूह ने दिया सबसे ज्यादा चंदा

Political Funding Data Electoral Bonds: चुनावी ट्रस्ट में टाटा, एल एंड टी, मेघा इंजीनियरिंग, ओपी जिंदल, अशोक लेलैंड, महिंद्रा और डीएलएफ जैसी कंपनियों ने सबसे ज्यादा चंदा दिया है.
BJP and Congress

प्रतीकात्मक तस्वीर

Electoral Trusts Donation: राजनीतिक पार्टियों की सबसे बड़ी कमाई का जरिया चंदा होता है. हाल ही में चुनाव आयोग ने किस पार्टी को कितना चंदा मिला, इसकी जानकारी सार्वजनिक की है. जिसके अनुसार रियल इस्टेट, विनिर्माण और बिजली जैसे क्षेत्रों के कॉर्पोरेट घरानों ने जमकर चंदा दिया है. अगर साल 2024-25 की बात की जाए तो सबसे ज्यादा चंदा टाटा ग्रुप से मिला है. पार्टियों को यह चंदा इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए दिया गया है. सबसे ज्यादा चंदा भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिला है. इसके बाद प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को मिला. BJP और कांग्रेस समेत किस दल को कहां से कितना चंदा मिला? आइए जानते हैं.

सबसे ज्यादा चंदा देश की नामी कंपनियां जैसे टाटा, एल एंड टी, मेघा इंजीनियरिंग, ओपी जिंदल, अशोक लेलैंड, महिंद्रा और डीएलएफ जैसी कंपनियों ने दिया है. साल 2024-25 में इन कंपनियों ने कुल मिले चंदे में आधे से ज्यादा का योगदान दिया है. इन सातों कंपनियों ने कुल 2107 करोड़ रुपए राजनीतिक दल को डोनेशन के नाम पर दिया है. वहीं अगर Top-3 ट्रस्टों की अगर बात करें तो प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट और डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट शामिल हैं, जो कुल डोनेशन का 98 प्रतिशत योगदान दिया है.

किसने दिया सबसे ज्यादा चंदा?

साल 2024-25 में सबसे ज्यादा चंदा टाटा समूह से राजनीतिक दलों को मिला है. टाटा ग्रुप ने प्रोग्रेसिव इलेक्ट्रोरल ट्रस्ट को कुल 915 करोड़ रुपए दिए, जिसमें कुल धनराशि का 83 प्रतिशत यानी 758 करोड़ रुपए बीजेपी को दिया गया. जबकि दूसरे नंबर कांग्रेस को 8.5 प्रतिशत यानी 77 करोड़ रुपए की राशि ट्रस्ट के माध्यम से दिया गया. टाटा ग्रुप देश के बड़े समूहों में शुमार है. इसके अंदर कई कंपनियां शामिल हैं.

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किसने-कितना दिया डोनेशन?

टाटा समूह के बाद इलेक्टोरल ट्रस्ट पर दान देने वाली कंपनियों में महिंद्रा, ओपी जिंदल, अशोक लेलैंड और डीएलएफ शामिल है. जिसमें महिंद्रा 160 करोड़ रुपए, ओपी जिंदल 157 करोड़ रुपए, अशोक लेलैंड 100 करोड़ रुपए और डीएलएफ ने करोड़ रुपए का चंदा दिया है. यानी कहा जा सकता है कि इलेट्रोरल ट्रस्ट के जरिए सबसे ज्यादा चंदा सत्तारूढ़ दल को मिला तो वहीं दूसरा नंबर कांग्रेस का है.

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