“ट्रंप के टैरिफ से कोई लेना-देना नहीं, डेढ़ साल से…”, निर्मला सीतारमण ने GST रिफॉर्म को लेकर ऐसा क्यों कहा?

वित्त मंत्री ने बताया कि यह काम अचानक नहीं हुआ. पिछले 18 महीनों से एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) इस पर लगातार काम कर रहा था. इस ग्रुप ने 300 से भी ज़्यादा चीज़ों पर बारीकी से चर्चा की. उनका मकसद था आम जनता का बोझ कम करना.
Nirmala Sitharaman On GST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Nirmala Sitharaman On GST: अगर आप सोच रहे हैं कि जीएसटी दरों में कटौती क्यों की गई? क्या इसका अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ से कोई कनेक्शन है? तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मीडिया चैनल के साथ बातचीत में इस पर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने साफ कर दिया है कि जीएसटी की दरें कम करने का फैसला अमेरिका के डर से नहीं, बल्कि भारत में ही डेढ़ साल पहले ले लिया गया था.

इतना ही नहीं, वित्त मंत्री ने ये भी बताया है कि पेट्रोल-डीजल को इसमें क्यों शामिन नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, “पेट्रोल और डीजल इस प्रस्ताव में विचाराधीन नहीं हैं, जो केंद्र सरकार ने जीएसटी परिषद के सामने रखा है. यह पूरी तरह से राज्यों पर निर्भर है. हालांकि कानूनी प्रावधान पहले से ही मौजूद हैं कि जब राज्य इसे उचित समझें, तो वे बिना किसी अतिरिक्त संवैधानिक या कानूनी बदलाव के इन पर जीएसटी लागू कर सकते हैं.

डेढ़ साल की मेहनत का नतीजा

वित्त मंत्री ने बताया कि यह काम अचानक नहीं हुआ. पिछले 18 महीनों से एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) इस पर लगातार काम कर रहा था. इस ग्रुप ने 300 से भी ज़्यादा चीज़ों पर बारीकी से चर्चा की. उनका मकसद था आम जनता का बोझ कम करना.

महंगाई से कोई संबंध नहीं

अगर आप सोच रहे हैं कि जीएसटी में यह बदलाव महंगाई कम होने की वजह से हुआ है, तो आप गलत हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा कि महंगाई तो ऊपर-नीचे होती रहती है. सरकार ने इस बड़े सुधार के लिए किसी खास ‘मुहूर्त’ का इंतज़ार नहीं किया. यह तो एक सोची-समझी योजना का हिस्सा है, जिस पर लंबे समय से काम चल रहा था.

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नवरात्र से दो ही दरें

3 सितंबर 2025 को हुई 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया. अब देश में सिर्फ दो ही जीएसटी दरें होंगी, 5% और 18%. यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होगा, यानी आने वाले नवरात्र से.

पीएम मोदी बोले -‘ग्रेट सेविंग्स टैक्स’

इस बदलाव पर पीएम मोदी ने भी खुशी जताई. उन्होंने इसे ‘न्यूनतम कर, अधिकतम बचत’ और ‘ग्रेट सेविंग्स टैक्स’ का नाम दिया है. उनका कहना है कि इस फैसले से करोड़ों भारतीयों के जीवन स्तर में सुधार होगा, उनकी बचत बढ़ेगी और उपभोग को भी बढ़ावा मिलेगा.

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