हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान रेप पीड़िता ने दिया बच्ची को जन्म, गुजरात सरकार उठाएगी नाबालिग और नवजात की जिम्मेदारी
गुजरात हाई कोर्ट (फोटो- सोशल मीडिया)
Gujarat High Court: गुजरात से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने न्यायपालिका और समाज दोनों को झकझोर दिया है. गुजरात हाई कोर्ट में एक नाबालिग के भ्रूण गर्भपात पर सुनवाई हो रही थी. इसी दौरान पीड़िता ने बच्ची को जन्म दे दिया. इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नाबालिग के प्रसव, नवजात और पीड़िता के अगले 6 महीने का खर्च उठाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि नाबालिग को जरूरी मानसिक और सामाजिक मदद मिलती रहे ताकि वह फिर से सामान्य जीवन जी सके.
दरअसल, पीड़िता के पिता ने 35 सप्ताह पुराने भ्रूण के गर्भपात की अनुमित के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई की जा रही थी, लेकिन इसी दौरान नाबालिग पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दे दिया. न्यायमूर्ति समीर दवे की बेंच में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि गर्भपात की मांग वाली याचिका अब निरर्थक हो गई है क्योंकि नाबालिग ने बच्चे को जन्म दे दिया है.
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कोर्ट के आदेश के बाद हुई थी मेडिकल जांच
कोर्ट ने आदेश दिया था कि पीड़िता की मेडिकल जांच कराई जाए. इसके बाद अहमदाबाद के सोलह सिविल अस्पताल में जांच कराई गई. जांच में सामने आया कि 35 सप्ताह 3 दिन का गर्भ ठहर चुका है. जिसके बाद उसे 25 अक्तूबर को भर्ती कराया गया. पीड़िता ने इसी दौरान मंगलवार 28 अक्तूबर की दोपहर बच्ची को जन्म दे दिया.
6 महीने तक खर्च उठाएगी राज्य सरकार
हाई कोर्ट ने नाबालिग के प्रसव के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि 6 महीने तक प्रसव, नाबालिग और उसकी बच्ची का खर्च उठाए. दोनों की उचित देखभाल और स्वास्थ्य की नियमित निगरानी की जाए. हालांकि बाल कल्याण समिति को निगरानी का जिम्मा दे दिया गया. वहीं पीड़िता अगर अपने परिवार के साथ नहीं रहना चाहेगी तो उसे किसी महिला आश्रय गृह में रखा जाएगा. उसके शिक्षा और व्यवसायिक प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी. कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को बच्ची के लिए अंतरिम मुआवजा तय करने और उसकी निगरानी करने का आदेश दिया है.