Himachal Pradesh: मंडी में बादल फटने से हाहाकार, कई घरों को नुकसान, बह गईं गाड़ियां
मंडी में बादल फटने से व्यापक हाहाकार
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 30 जून की रात को बादल फटने की घटना ने व्यापक हाहाकार मचाया है. भारी बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड के कारण कई घर क्षतिग्रस्त हो गए, गाड़ियां बह गईं और जन-जीवन पूरी तरह ठप हो गया है. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू किए हैं, लेकिन खराब मौसम और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं.
मंडी जिले के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं. करसोग, शिलाहकिप्पड़, और बल्ह घाटी जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश के साथ बादल फटने से नदियां और नाले उफान पर हैं. करसोग के पंजराट और मेगली गांवों में कई घर और दुकानें जलमग्न हो गईं, जबकि गाड़ियां तेज बहाव में बह गईं. इस कुदरती कहर से 50 से अधिक गांव प्रभावित, सड़कें और पुल टूटे, कई गाड़ियां और मवेशी बह गए हैं.
बादल फटने और लैंडस्लाइड के कारण मंडी में कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा है. विश्वकर्मा चौक में लैंडस्लाइड से 5-6 घर खतरे की जद में हैं, जबकि करसोग में कई मकान ढह गए. स्थानीय लोगों ने बताया कि अचानक आए सैलाब ने घरों में रखा सामान, फर्नीचर और वाहनों को बहा ले गया. दर्जनों घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. करसोग बाईपास और अन्य क्षेत्रों में कई कारें और दोपहिया वाहन बाढ़ में बह गए हैं.
मंडी में सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है. मंडी-कुल्लू NH-3 सहित 259 सड़कें बंद हैं, जिससे यातायात ठप हो गया है. बिजली के कई ट्रांसफार्मर बंद होने से कई गांव अंधेरे में डूबे हैं. जलशक्ति विभाग को भी भारी नुकसान हुआ है, जिसके कारण पेयजल आपूर्ति बाधित है.
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प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य में जुटी हैं. लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चल रहा है, और अस्थायी पुल बनाकर राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की तत्काल सहायता देने की घोषणा की है.
मौसम विभाग ने मंडी, कुल्लू, शिमला और कांगड़ा में अगले 48 घंटों तक भारी बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. लोगों से नदी-नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की गई है.