Delhi Government: दिल्ली में आज से ये गाड़ियां हुईं कबाड़, नहीं मिलेगा ‘Fuel’

Delhi Government: 1 जुलाई से दिल्ली सरकार ने सख्त नियम लागू किए गए हैं. इसके तहत 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा.
No Fuel

दिल्‍ली में गाड़ियों को नहीं मिलेगी पट्रोल-डीजल

Delhi Government: दिल्ली सरकार के एक फैसले के कारण राष्ट्रीय राजधानी में लगभग लाखों गाड़ियां अब कबाड़ बन गई है. सरकार का ये फैसला वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है. आज यानी 1 जुलाई से सख्त नियम लागू किए गए हैं. इसके तहत 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा. यह फैसला वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के तहत लिया गया है.

ANPR कैमरों से होगी निगरानी

पुराने वाहनों की पहचान के लिए दिल्ली के 500 से अधिक पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर उनकी उम्र का पता लगाएंगे. CAQM के मुताबिक, 1 से 23 जून के बीच किए गए परीक्षण में 77.8 लाख वाहनों की जांच की गई, जिसमें 1.36 लाख वाहन EOL (End-of-Life) श्रेणी में पाए गए. पेट्रोल पंपों पर साइनेज भी लगाए गए हैं, जो स्पष्ट रूप से बताते हैं कि पुराने वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा.

जब्ती और जुर्माने का प्रावधान

नियम तोड़ने वाले वाहनों को सार्वजनिक स्थानों से जब्त कर स्क्रैप यार्ड भेजा जाएगा. चार पहिया वाहनों पर 10,000 रुपये और दोपहिया वाहनों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. हालांकि, वाहन मालिकों को एक बार मौका दिया जाएगा, जिसमें वे जुर्माना भरकर और हलफनामा देकर वाहन वापस ले सकते हैं. बार-बार उल्लंघन पर वाहन स्थायी रूप से जब्त कर लिया जाएगा.

CNG वाहनों को राहत

राहत की बात यह है कि CNG से चलने वाले वाहनों को इस बैन से छूट दी गई है. CAQM ने स्पष्ट किया कि CNG वाहन, जो कम प्रदूषण फैलाते हैं, इस नियम के दायरे में नहीं आएंगे. यह कदम दिल्ली की हवा को स्वच्छ करने और पुराने, अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए उठाया गया है.

पेट्रोल पंपों पर सख्ती, डीलरों पर भी नजर

दिल्ली सरकार ने पेट्रोल पंप मालिकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे EOL वाहनों को ईंधन न दें. नियम तोड़ने वाले पेट्रोल पंपों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 192 के तहत कार्रवाई की जाएगी. पेट्रोल पंपों को अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और उल्लंघन का रिकॉर्ड रखने के लिए लॉग बुक मेंटेन करने के निर्देश दिए गए हैं.

प्रदूषण नियंत्रण का लक्ष्य

दिल्ली सरकार का मानना है कि पुराने वाहन, खासकर BS-3 और BS-4 मानकों वाले, अधिक प्रदूषण फैलाते हैं. इन वाहनों को सड़कों से हटाने से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा. CAQM के मुताबिक, यह नियम न केवल दिल्ली बल्कि NCR क्षेत्र से आने वाले वाहनों पर भी लागू होगा.

NCR में भी लगेंगे कैमरे

इस नए नियम को फिलहाल केवल दिल्ली में लागू किया गया है. जिसके तहत केवल दिल्ली के पेट्रोल पंपो पर ही ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं. हालांकि आगामी 1 नवंबर से दिल्ली के आसपास के इलाकों जैसे नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और सोनीपत के पेट्रोल पंपों पर भी इन कैमरों को लगाने की योजना है. अभी दिल्ली के बाहर पुराने वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.

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जनता से सहयोग की अपील

दिल्ली सरकार और CAQM ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे पुराने वाहनों को स्क्रैप करवाएं और प्रदूषण नियंत्रण अभियान में सहयोग करें. पेट्रोल पंप मालिकों ने भी चालकों से अनुरोध किया है कि वे नियमों का पालन करें और कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह की बदतमीजी से बचें.

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