UNGA की जनरल डिबेट में क्यों नहीं शामिल होंगे PM मोदी, ट्रंप का ‘बड़बोलापन’ तो वजह नहीं?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों में खटास ला दी है. इस साल फरवरी में पीएम मोदी और ट्रंप की वॉशिंगटन में मुलाकात हुई थी, लेकिन उसके बाद ट्रंप ने भारत पर 50% तक के भारी-भरकम टैरिफ लगा दिए.
PM Narendra Modi, Donald Trump,

पीएम मोदी नहीं जाएंगे अमेरिका!

UNGA 2025: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) का 80वां सत्र इस बार न्यूयॉर्क में धूमधाम से शुरू होने वाला है, लेकिन खबर ये है कि पीएम मोदी इस बार इस वैश्विक मंच पर नहीं दिखेंगे. जी हां, 23 से 29 सितंबर तक चलने वाली हाई-लेवल जनरल डिबेट में भारत का झंडा बुलंद करने की जिम्मेदारी विदेश मंत्री एस. जयशंकर उठाएंगे. 27 सितंबर को जयशंकर दुनिया के सामने भारत का पक्ष रखेंगे.

पीएम मोदी क्यों नहीं जा रहे?

पहले खबर थी कि पीएम मोदी 26 सितंबर को UNGA में बोलेंगे, लेकिन अब ताजा जानकारी के मुताबिक, उन्होंने इस बार न्यूयॉर्क का दौरा टाल दिया है. सूत्रों की मानें तो भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव इसकी एक बड़ी वजह है. इसके अलावा, पीएम मोदी का ध्यान इस समय भारत में चल रही घरेलू और क्षेत्रीय प्राथमिकताओं पर ज्यादा है. हाल ही में उन्होंने कई बड़े घरेलू कार्यक्रमों और क्षेत्रीय बैठकों में हिस्सा लिया है, जिसके चलते शायद उन्होंने UNGA को इस बार स्किप करने का फैसला किया. वैसे भी अगर देखा जाए तो देश के कई राज्यों में बाढ़-बारिश ने कहर बरपा रखी है. और पीएम मोदी खुद बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करने वाले हैं. लेकिन चिंता की कोई बात नहीं, क्योंकि जयशंकर जैसे कूटनीतिक दिग्गज भारत की बात को पूरी ताकत से रखेंगे.

ट्रंप ने कैसे बिगाड़े रिश्ते?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों में खटास ला दी है. इस साल फरवरी में पीएम मोदी और ट्रंप की वॉशिंगटन में मुलाकात हुई थी, लेकिन उसके बाद ट्रंप ने भारत पर 50% तक के भारी-भरकम टैरिफ लगा दिए. इतना ही नहीं, रूस से तेल खरीदने पर भारत को 25% का अतिरिक्त टैरिफ झेलना पड़ रहा है. ये टैरिफ भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव का बड़ा कारण बन गए हैं. इतना ही नहीं, भारत-पाकिस्तान के मसले पर भी कई बार ट्रंप वाहवाही लूटने की कोशिश की. वैश्विक मंच पर कई बार ट्रंप ने दावा किया कि हमने भारत और पाकिस्तान में सुलह कराई है.

ट्रंप का ये रवैया न सिर्फ भारत बल्कि कई अन्य देशों के साथ भी तल्खी पैदा कर रहा है. ऐसे में UNGA का मंच भारत के लिए अपनी बात रखने और वैश्विक समर्थन जुटाने का शानदार मौका होगा.

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UNGA में क्या-क्या होगा खास?

इस बार UNGA का 80वां सत्र बेहद खास है, क्योंकि ये संयुक्त राष्ट्र के 80 साल पूरे होने का जश्न है. थीम है- ‘बेटर टुगेदर: 80 इयर्स एंड मोर फॉर पीस, डेवलपमेंट एंड ह्यूमन राइट्स’. यानी शांति, विकास और मानवाधिकारों के लिए दुनिया को एकजुट करने की बात होगी. 23 सितंबर को ब्राजील परंपरागत रूप से पहला भाषण देगा और इसके बाद ट्रंप अपनी बात रखेंगे. ये उनका दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद UNGA में पहला भाषण होगा.

26 सितंबर: इजरायल, चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के नेता बोलेंगे.
22 सितंबर: UN की 80वीं वर्षगांठ के लिए खास बैठक होगी.
24 सितंबर: UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस क्लाइमेट समिट की मेजबानी करेंगे, जहां देश अपनी नई जलवायु योजनाएं पेश करेंगे.
इसके अलावा, 1995 के बीजिंग विश्व महिला सम्मेलन की 30वीं वर्षगांठ भी मनाई जाएगी.

वैश्विक मुद्दों पर नजर

इस बार UNGA में इजरायल-हमास युद्ध, यूक्रेन संकट और जलवायु परिवर्तन जैसे बड़े मुद्दे छाए रहेंगे. भारत, जो वैश्विक दक्षिण की आवाज बनकर उभरा है, इन मुद्दों पर अपनी मजबूत राय रखेगा. जयशंकर के भाषण में भारत की नीतियों, जलवायु लक्ष्यों और वैश्विक शांति के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र होने की उम्मीद है.

जयशंकर करेंगे कमाल

विदेश मंत्री जयशंकर अपनी कूटनीतिक कुशलता के लिए जाने जाते हैं. चाहे G20 हो या SCO, उन्होंने हमेशा भारत का पक्ष दमदार तरीके से रखा है. UNGA में भी वो भारत की उपलब्धियों, चुनौतियों और वैश्विक भूमिका को बखूबी पेश करेंगे. माना जा रहा है कि वो ट्रंप के टैरिफ और वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति पर भी कुछ तीखे लेकिन संतुलित शब्दों में अपनी बात रख सकते हैं. तो, इस बार UNGA में भारत की आवाज भले ही पीएम मोदी की जगह जयशंकर उठाएंगे, लेकिन भारत का रुतबा और प्रभाव कम नहीं होगा.

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