त्योहारी सीजन में महंगाई पर लगा ब्रेक, 1.54% पर आया रिटेल इंफ्लेशन, 8 साल का टूटा रिकॉर्ड

इकोनॉमिस्ट्स ने सोचा था कि सितंबर में इंफ्लेशन शायद 1.70% के आसपास रहेगा, लेकिन असल आंकड़े उससे भी बेहतर निकले. पिछले सात महीनों से इंफ्लेशन RBI के 4% टारगेट से नीचे चल रहा है, और ऐसा लगता है कि यह सस्ताई का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है.
Retail Inflation

प्रतीकात्मक तस्वीर

Retail Inflation: देश के लाखों-करोड़ों लोगों के लिए राहत भरी खबर आई है. दरअसल, सितंबर 2025 में रिटेल इंफ्लेशन गिरकर 1.54% पर आ गया, जो पिछले आठ सालों में सबसे कम है. जी हां, जून 2017 के बाद पहली बार महंगाई इतनी नीचे आई है और इसका सबसे बड़ा कारण है खाने-पीने की चीजों के दामों में भारी कमी. सब्जियों से लेकर अनाज तक, बाजार में कीमतें अब जेब पर हल्की पड़ रही हैं, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिली है.

आरबीआई के लक्ष्य से भी नीचे रिटेल इंफ्लेशन

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का लक्ष्य है कि इंफ्लेशन 2-6% के दायरे में रहे, लेकिन सितंबर में यह 1.54% पर आ गया, जो अगस्त के 2.07% से भी कम है. खास बात ये है कि खाद्य पदार्थों की इंफ्लेशन, जो हमारे कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) का करीब आधा हिस्सा है, -2.28% तक लुढ़क गई. यानी, पिछले साल की तुलना में खाने की चीजें अब कहीं सस्ती हो गई हैं. खासकर सब्जियों के दाम तो अप्रैल से लगातार दोहरे अंकों में गिर रहे हैं.

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थमने वाला नहीं है सिलसिला

इकोनॉमिस्ट्स ने सोचा था कि सितंबर में इंफ्लेशन शायद 1.70% के आसपास रहेगा, लेकिन असल आंकड़े उससे भी बेहतर निकले. पिछले सात महीनों से इंफ्लेशन RBI के 4% टारगेट से नीचे चल रहा है और ऐसा लगता है कि यह सस्ताई का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है. तो, क्या अब बाजार में प्याज, टमाटर और दाल सस्ते मिलेंगे? या ये सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी है? फिलहाल तो ये खबर हर उस इंसान के लिए खुशी की लहर लेकर आई है, जो बढ़ती कीमतों से परेशान था. अब देखना ये है कि ये राहत कितने दिन तक बरकरार रहती है.

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