करते रहिए टैरिफ-टैरिफ, ‘अलुआ टैरिफ’…भारत के ‘स्पेशल 40’ प्लान से ट्रंप को लगने वाला है झटका, जानिए कैसे
ट्रंप को लगने वाला है बड़ा झटका!
US Tariff On India: दुनिया की इकोनॉमी में रोज़ नई-नई बातें होती रहती हैं. कभी कोई देश दूसरे पर टैक्स लगाता है, तो कभी कोई नया प्लान आता है. इन दिनों अमेरिका और भारत के बीच कुछ ऐसा ही हो रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय कपड़ों पर एक नया और भारी-भरकम टैक्स यानी ‘टैरिफ’ लगा दिया है. यह टैक्स इतना ज़्यादा है कि इससे भारत के सबसे बड़े एक्सपोर्ट सेक्टर्स में से एक टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बहुत बड़ा झटका लगा है. लेकिन, भारत सरकार ने हार नहीं मानी है. इस चुनौती का सामना करने के लिए एक शानदार और दमदार प्लान तैयार किया गया है, जिसे ‘स्पेशल 40’ नाम दिया गया है. अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये ‘स्पेशल 40’ प्लान क्या है? आइये सबकुछ आसान भाषा में विस्तार से बताते हैं.
ट्रंप का ‘टैरिफ बम’
सबसे पहले, यह समझना ज़रूरी है किटैरिफ है क्या और इसका असर कितना बड़ा है. टैरिफ का मतलब होता है किसी दूसरे देश से आने वाले सामान पर लगाया जाने वाला एक्स्ट्रा टैक्स. ट्रंप ने भारतीय कपड़ों पर 25% का नया टैरिफ लगाया है, जिससे अब कुल टैरिफ 50% हो गया है. यानी, अगर कोई भारतीय कपड़ा अमेरिका में बेचा जाता है, तो उसकी क़ीमत आधी टैक्स में ही चली जाएगी.
यह सिर्फ़ एक टैक्स नहीं, बल्कि एक ‘टैरिफ बम’ है. इसका सीधा असर भारत के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट पर पड़ेगा. जानकारों का मानना है कि इस टैक्स के बाद भारतीय कपड़े, बांग्लादेश, वियतनाम, श्रीलंका और कंबोडिया जैसे देशों के मुक़ाबले 30-31% महंगे हो जाएंगे. अब आप ही सोचिए, अगर आपको एक ही तरह का सामान दो दुकानों पर अलग-अलग कीमत पर मिले, तो आप कहां से ख़रीदेंगे? ज़ाहिर है, जहां सस्ता मिले.
इसी वजह से यह आशंका जताई जा रही है कि भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री को अमेरिका में 10.3 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है. यह सिर्फ़ कपड़ों की बात नहीं है, बल्कि इससे रत्न, आभूषण, चमड़ा और मशीनरी जैसे सेक्टर्स पर भी असर पड़ने की उम्मीद है.
अब ‘स्पेशल 40’ प्लान की बात
लेकिन, भारत ने इस मुश्किल घड़ी में एक मज़बूत रणनीति अपनाई है. सरकार का यह प्लान पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भरता कम करने और दुनिया के दूसरे बाज़ारों में अपनी जगह बनाने पर आधारित है. इस प्लान के तहत, भारत सरकार ने दुनिया के 40 प्रमुख देशों को चुना है जहां वह अपना टेक्सटाइल एक्सपोर्ट बढ़ाना चाहती है. इन देशों में जर्मनी, जापान, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, मेक्सिको, रूस, तुर्किये और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े और ख़रीददार बाज़ार शामिल हैं.
यह जानना दिलचस्प है कि ये 40 देश मिलकर दुनिया का करीब 590 अरब डॉलर का टेक्सटाइल और अपैरल आयात करते हैं. इस विशाल बाज़ार में भारत की हिस्सेदारी अभी सिर्फ़ 5-6% ही है. ‘स्पेशल 40’ प्लान का मक़सद इसी हिस्सेदारी को कई गुना बढ़ाना है ताकि अगर अमेरिका से होने वाला नुकसान हो भी, तो उसकी भरपाई दूसरे देशों से हो जाए.
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‘स्पेशल 40’ प्लान कैसे करेगा काम?
सरकार और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (EPCs) मिलकर इन 40 देशों के बाज़ारों का गहराई से विश्लेषण करेंगी. इसके बाद पता लगाया जाएगा कि वहां किस तरह के कपड़ों और डिज़ाइन की मांग ज़्यादा है. फिर, भारतीय निर्माताओं को उसी हिसाब से प्रॉडक्ट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
‘ब्रांड इंडिया’ कैंपेन के तहत भारतीय कपड़ों को दुनिया भर के बड़े ट्रेड फेयर और प्रदर्शनियों में पेश किया जाएगा. इससे भारतीय प्रॉडक्ट्स की पहचान और ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी. जब लोग दुनिया के सबसे बड़े फ़ैशन शो में ‘मेड इन इंडिया’ का लेबल देखेंगे, तो उनका भरोसा बढ़ेगा.
व्यापार समझौते
सरकार ब्रिटेन और यूरोपियन फ़्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) जैसे देशों के साथ नए व्यापार समझौतों पर काम कर रही है. इन समझौतों से भारतीय कपड़ों पर लगने वाले टैक्स में कमी आएगी, जिससे वे इन बाज़ारों में और भी सस्ते और प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे. यह एक तरह से अमेरिका के टैरिफ का जवाब है, जहां एक दरवाज़ा बंद हो रहा है, वहीं दूसरा खोला जा रहा है.
क्लस्टर्स को बढ़ावा
भारत में कई जगहें हैं जहां टेक्सटाइल इंडस्ट्री का काम बड़े पैमाने पर होता है, जैसे गुजरात का सूरत, तमिलनाडु का तिरुपुर और उत्तर प्रदेश का भदोही. ये जगहें ‘टेक्सटाइल क्लस्टर्स’ के तौर पर जानी जाती हैं. इस प्लान में इन क्लस्टर्स को सीधे अंतरराष्ट्रीय अवसरों से जोड़ा जाएगा. इससे छोटे और मझोले सभी तरह के उत्पादकों को फ़ायदा होगा.
क्या ‘स्पेशल 40’ प्लान सफल होगा?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह प्लान बहुत असरदार हो सकता है. यह सिर्फ़ अमेरिका के टैरिफ के झटके से हमारी इंडस्ट्री को नहीं बचाएगा, बल्कि यह हमें ग्लोबल टेक्सटाइल मार्केट में एक मजबूत खिलाड़ी भी बना देगा. यह दिखाता है कि भारत चुनौतियों को अवसरों में बदलना बखूबी जानता है.
अगर यह प्लान सफल होता है, तो हमारी टेक्सटाइल इंडस्ट्री सिर्फ़ अमेरिका पर निर्भर नहीं रहेगी और उसके पास दुनिया के 40 बड़े बाज़ार होंगे. इससे हमारे देश में रोज़गार भी बढ़ेगा और हमारी अर्थव्यवस्था को भी फ़ायदा होगा.
बताते चलें कि ट्रंप के टैरिफ ने भारत के लिए मुश्किल ज़रूर खड़ी की है, लेकिन ‘स्पेशल 40’ प्लान इस मुश्किल को पार करने का एक रास्ता है. यह न सिर्फ़ हमें नुकसान से बचाएगा, बल्कि हमारी इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों पर भी ले जा सकता है.