तटरक्षक की ताकत बनेगा ‘मेड इन इंडिया’ रबर, IRMRI के साथ ICG का ऐतिहासिक MoU!
भारतीय तटरक्षक बल
ICG-IRMRI MoU: भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और भारतीय रबर सामग्री अनुसंधान संस्थान (IRMRI) ने मिलकर एक बड़ा कदम उठाया है. आज नई दिल्ली में तटरक्षक मुख्यालय में दोनों ने एक समझौता पत्र (MoU) साइन किया. इसका मकसद है समुद्री जहाजों के लिए खास रबर और कम्पोजिट उत्पाद भारत में ही बनाना. यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक शानदार पहल है.
क्या है इस MoU का मकसद?
इस समझौते के तहत IRMRI तटरक्षक बल के साथ मिलकर उन रबर सामग्रियों को बनाएगा, जो अभी विदेशों से मंगानी पड़ती हैं. तटरक्षक के जहाजों और उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले रबर पुर्जों को अब भारत में डिज़ाइन और टेस्ट किया जाएगा. IRMRI अपनी लैब में रबर उत्पादों का परीक्षण करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय कंपनियों के बनाए उत्पाद टॉप क्वालिटी के हों.
स्टार्टअप्स को मिलेगा मौका
इस MoU का एक खास हिस्सा है छोटे उद्यमियों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना. IRMRI का इनक्यूबेशन सेंटर ‘ARISE’ स्टार्टअप्स और MSMEs को मौका देगा कि वे रबर प्रोडक्ट्स के लिए नए आइडियाज़ लाएं. तटरक्षक बल अपनी ज़रूरतें IRMRI को बताएगा और IRMRI भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर स्वदेशी समाधान निकालेगा.
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
यह समझौता सिर्फ रबर बनाने की बात नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण का एक ज़रूरी हिस्सा है. समुद्र में तैनात तटरक्षक बल को मज़बूत करने के लिए अब विदेशी सामान पर निर्भरता कम होगी. यह कदम भारतीय उद्योगों को नई ताकत देगा और स्टार्टअप्स को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. इस समारोह में डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव मौजूद थे. हस्ताक्षर ICG के आईजी सुधीर साहनी और IRMRI के निदेशक डॉ. के. राजकुमार ने किए. यह गठजोड़ भारत को समुद्री तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा.