केरल स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा की ‘ऐतिहासिक’ जीत, वक्फ बोर्ड विवाद के बीच यहां से दर्ज की जीत
स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा ने मारी बाजी.
Kerala Local Body Election Result: केरल में भारतीय जनता पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. भाजपा ने उस सीट पर भी जीत दर्ज कर ली है, जहां पर वक्फ विवाद चल रहा है. स्थानीय निकाय चुनाव में मुनंबम की जीत ने सियासी हलचल बढ़ा दी है. इसे ईसाई समुदाय के बढ़ते समर्थन के तौर पर भाजपा देख रही है. भले ही केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंड (LDF) और कांग्रेस का दबदबा रहा हो, लेकिन भाजपा की इस जीत ने चुनाव को रोचक बना दिया. इसके अलावा तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भी भाजपा ने जीत दर्ज की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम की जीत पर बधाई दी है.
भाजपा ने स्थानीय निकाय चुनाव में यह जीत एर्नाकुलम जिले के मुनंबम वार्ड में दर्ज की है. केरल के भाजपा महा सचिव अनूप एंटनी जोसेफ ने इस जीत को ऐतिहासिक बताया है. महा सचिव का दावा है कि यहां पर करीब 500 से अधिक ईसाई परिवार रहते हैं, जो वक्फ बोर्ड के कथित अवैध दावों की वजह से अपने घरों से बेदखली के खतरों का सामना कर रह हैं. ऐसे परिवारों को भाजपा ने भरपूर साथ दिया, जिस पर ईसाई परिवार ने भरोसा जताया और अपना भरपूर समर्थन दिया.
Historic victory for NDA in the Munambam ward in local body elections, where 500 Christian families face the threat of eviction due to illegal claims by Waqf.
— Anoop Antony Joseph (@AnoopKaippalli) December 13, 2025
Modi ji's govt and BJP stood with the Munambam people in fighting the Waqf, and they have now chosen BJP as their… pic.twitter.com/6h4n9ux1hO
‘न्याय बनाम अन्याय’ की लड़ाई
भाजपा इस जीत को ईसाई धर्म के समर्थन का संकेत मान रही है. इसको लेकर भाजपा ‘न्याय बनाम अन्याय’ की लड़ाई पेश करने में जुटी है. भाजपा के लिए यह जीत भले ही प्रतीकात्मक हो, लेकिन वह वक्फ जैसे मुद्दों को लेकर विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी चुनावी बहस को तेज कर सकती है. हालांकि इसका प्रभाव कितना पड़ेगा, यह तो परिणाम ही तय करेंगे.
कई दशक पुराना है यह विवाद
केरल के मुनंबम वक्फ बोर्ड का विवाद कोई नया नहीं है, बल्कि यह करीब 70 साल पुराना है. जानकारी के अनुसार, 1970 में सिद्दीकी सैत नाम के एक व्यक्ति ने इस जमीन को फरीद कॉलेज के नाम पर दान में दी थी. दान में मिली जमीन को कॉलेज प्रशासन ने कुछ हिस्सों को स्थानीय निवासियों को बेच दिया. जबकि इस जमीन पर कई भूमिहीनों का पहले से ही कब्जा था. साल 2019 में केरल वक्फ बोर्ड ने पूरी जमीन को वक्फ संपति के तौर पर रजिस्टर कर दिया, जिसके बाद से इस जमीन पर बसे परिवारों के लिए नया संकट खड़ा हो गया था. हालांकि इसको लेकर काफी समय तक आंदोलन भी चला. प्रभावित परिवारों ने इसको लेकर कोझिकोड वक्फ ट्रिब्यूनल में चुनौती भी दी.
किसी परिवार को नहीं किया जाएगा बेदखल
राज्य सरकार ने भी इसको लेकर सीएन रामचंद्रन नायर आयोग का गठन किया. हालांकि 2025 में केरल हाई कोर्ट ने इस एकल पीठ के आयोग को रद्द कर दिया. हालांकि बाद में डिवीजनल बेंच ने आयोग को बहाल करते हुए 2019 में हुए वक्फ रजिस्ट्रेशन को कानून के अनुरूप नहीं बताया. एक रिपोर्ट के अनुसार, 12 दिसंबर को सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए 2026 तक यथावत रखने का आदेश जारी किया है. फिलहाल, किसी परिवार को बेदखल नहीं किया जा सकेगा.
PM मोदी ने तिरुवनंतपुरम की जीत पर जताया आभार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरुवनंतपुरम की जीत पर धन्यवाद देते हुए लिखा, “तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा-एनडीए को मिला जनादेश केरल की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण है. जनता को पूरा विश्वास है कि राज्य की विकास संबंधी आकांक्षाओं को केवल हमारी पार्टी ही पूरा कर सकती है. हमारी पार्टी इस जीवंत शहर के विकास और लोगों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी.”