खान सर के अस्पताल से रातों-रात क्यों उखाड़े गए करोड़ों के मार्बल? वजह जानकर हैरान हो जाएंगे आप!

ऑपरेशन थिएटर में टाइल्स लगाना सख्त मना है. इसकी वजह ये है कि टाइल्स के बीच में जो जॉइंट्स होते हैं, उनमें बैक्टीरिया, वायरस और फंगस जैसे सूक्ष्म कीटाणु जमा हो सकते हैं. ये कीटाणु इतने छोटे होते हैं कि इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता. ऑपरेशन थिएटर जैसी साफ-सुथरी जगह में अगर ये कीटाणु छिप जाएं, तो मरीजों के लिए यह एक बड़ा खतरा बन सकता है.
Khan Sir Hospital

खान सर के हॉस्पिटल से उखाड़े गए मार्बल!

Khan Sir Hospital: पटना के मशहूर शिक्षक खान सर अब सिर्फ किताबों की दुनिया तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि मेडिकल के क्षेत्र में भी एक बड़ा कदम उठा रहे हैं. वह एक ऐसा अस्पताल बना रहे हैं, जो गरीबों के लिए है. ब्लड बैंक से लेकर कैंसर अस्पताल तक, उनका मकसद हर ज़रूरतमंद तक बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना है. लेकिन इस नेक काम में एक ऐसी घटना घटी, जिसने सबको हैरान कर दिया.

ऑपरेशन थिएटर से उखाड़े गए चमचमाते टाइल्स

खान सर ने अपने सपनों के अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर को खास बनाने के लिए बड़े शौक से चमकदार और महंगे टाइल्स लगवाए. उन्होंने सोचा था कि ये टाइल्स न सिर्फ खूबसूरत दिखेंगे, बल्कि थिएटर को एक प्रीमियम लुक भी देंगे. लेकिन, जब इंस्पेक्शन के लिए अधिकारी आए, तो उन्होंने तुरंत इन टाइल्स को हटाने का फरमान सुना दिया. यह देखकर खान सर भी हैरान रह गए. आखिर ऐसा क्यों?

टाइल्स की जगह खास मैट क्यों लगा?

दरअसल, ऑपरेशन थिएटर में टाइल्स लगाना सख्त मना है. इसकी वजह ये है कि टाइल्स के बीच में जो जॉइंट्स होते हैं, उनमें बैक्टीरिया, वायरस और फंगस जैसे सूक्ष्म कीटाणु जमा हो सकते हैं. ये कीटाणु इतने छोटे होते हैं कि इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता. ऑपरेशन थिएटर जैसी साफ-सुथरी जगह में अगर ये कीटाणु छिप जाएं, तो मरीजों के लिए यह एक बड़ा खतरा बन सकता है.

यही वजह थी कि सुरक्षा और स्वच्छता के नियमों का पालन करते हुए, सारे चमचमाते टाइल्स को रातों-रात हटाना पड़ा. टाइल्स की जगह अब ऑपरेशन थिएटर में एक खास तरह का मैट लगाया गया है, जिसमें कोई जॉइंट नहीं होता. यह देखने में बिल्कुल मार्बल जैसा ही लगता है, लेकिन कीटाणुओं को पनपने का कोई मौका नहीं देता.

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मरीज नहीं, मेहमान!

खान सर का यह अस्पताल सिर्फ सुविधाओं के लिए ही नहीं, बल्कि अपने अनोखे अंदाज़ के लिए भी चर्चा में है. उन्होंने ऐलान किया है कि उनके अस्पताल में किसी को ‘मरीज’ या ‘पेशेंट’ नहीं कहा जाएगा. हर बीमार व्यक्ति उनके लिए एक ‘मेहमान’ होगा. उनका मानना है कि बीमार इंसान पहले से ही तकलीफ में होता है. अगर उसे ‘मरीज’ कहकर पुकारा जाए, तो उसका हौसला और कम हो सकता है. इसीलिए, उनके सेंटर में हर कोई ‘गेस्ट’ कहलाएगा.

खान सर का सपना है कि उनका अस्पताल हर उस इंसान के लिए सहारा बने, जो महंगे इलाज के बोझ तले दबा हुआ है. हाल ही में उन्होंने दर्जनभर डायलिसिस मशीनों के साथ एक वीडियो भी शेयर किया था, जिसमें उनके प्रोजेक्ट की झलक दिखी. उनका दावा है कि उनके अस्पताल में इलाज की लागत इतनी कम होगी कि हर कोई इसका फायदा उठा सकेगा.

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