अब ललन सिंह ने संभाली मोकामा की कमान, JDU के लिए ‘प्रतिष्ठा की लड़ाई’ बन गई ‘छोटे सरकार’ की सीट, जानिए कैसे
ललन सिंह पहुंचे मोकामा
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में हमेशा से ‘हॉट सीट’ रही मोकामा विधानसभा अब एक नई सियासी जंग का मैदान बन गई है. दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर बाहुबली विधायक अनंत सिंह के जेल जाने से यहां का चुनावी समीकरण अचानक बदल गया है. लेकिन जेडीयू ने इस झटके को अपनी ताकत बनाने का फैसला कर लिया है. अब मोकामा की चुनावी ‘कमान’ खुद केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के दिग्गज नेता ललन सिंह ने संभाल ली है.
“हर कोई अनंत सिंह बनकर लड़ेगा”
अनंत सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही यह सीट चर्चा में थी, लेकिन उनके जेल जाने से यह जेडीयू के लिए ‘प्रतिष्ठा की लड़ाई’ बन गई है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता माने जाने वाले ललन सिंह ने सीधे मोकामा पहुंचकर एक बड़ा चुनावी ऐलान कर दिया.
मोकामा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने अपने कार्यकर्ताओं और जनता का जोश बढ़ाते हुए कहा, “जब अनंत बाबू बाहर थे, तब हमारी जिम्मेदारी थोड़ी कम थी. लेकिन अब, जब वे हमारे बीच नहीं हैं, मैंने मोकामा के चुनाव की कमान खुद संभाल ली है.” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अब मोकामा विधानसभा चुनाव में हर व्यक्ति अनंत सिंह बनकर लड़ेगा.” ललन सिंह के इस बयान से साफ है कि जेडीयू अनंत सिंह की कमी को भावनात्मक लामबंदी और खुद के राजनीतिक कद से पूरा करने की तैयारी में है.
भूमिहार और पिछड़ा वोट पर पैनी नज़र
ललन सिंह केवल अनंत सिंह की सीट बचाने की नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाने की भी रणनीति पर काम कर रहे हैं. मोकामा भूमिहार बहुल क्षेत्र है और ललन सिंह खुद इस वर्ग से आते हैं. अनंत सिंह के जेल जाने के बाद इस वोट बैंक को एकजुट रखना जेडीयू की पहली प्राथमिकता है.
लेकिन उनकी नज़र केवल भूमिहारों पर नहीं है. उन्होंने सभा में साफ किया कि हमारी प्राथमिकता हमेशा उन वर्गों की समस्याओं को हल करना रही है, जिन्हें सियासत में कम ध्यान मिला है. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी टीम पिछड़ा वोट बैंक को जोड़कर एक मजबूत गठबंधन बनाएगी. यह बयान दर्शाता है कि ललन सिंह मोकामा में जातिगत समीकरणों को साधकर एक व्यापक जनाधार तैयार करना चाहते हैं.
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मुकाबला हुआ त्रिकोणीय
ललन सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से मोकामा की लड़ाई अब और भी दिलचस्प हो गई है. दरअसल, आरजेडी ने मोकामा से बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीना देवी को उम्मीदवार बनाया है, जो खुद भूमिहार समुदाय से आती हैं. आरजेडी की यह रणनीति भूमिहार वोटों में सेंध लगाने की है.
ऐसे में ललन सिंह का कमान संभालना जेडीयू के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. यह लड़ाई अब सिर्फ दो पार्टियों के बीच नहीं, बल्कि दो कद्दावर नेताओं के बीच प्रतिष्ठा और वर्चस्व की बन गई है. मोकामा की जनता के विश्वास को मजबूत करने और विकास को गति देने का ललन सिंह का आह्वान यह बताता है कि जेडीयू ने इस चुनाव को हल्के में न लेने का फैसला कर लिया है.