कौन है भारत के गद्दारों की पाकिस्तानी सरदार? ‘मैडम N’ ने इस्लामाबाद से दिल्ली तक बिछाया जासूसी का जाल, यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स को ऐसे बनाया हथियार!

कैसे फंसाया यूट्यूबर्स को? नौशाबा सोशल मीडिया पर एक्टिव यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स को निशाना बनाती थी, खासकर हिंदू और सिख समुदाय के लोगों को. वह उन्हें फ्री में पाकिस्तान घूमने का लालच देती थी. 'आओ, हमारे देश की खूबसूरती देखो, मुफ्त में टूर करो.' – बस यही जाल था. एक बार जब ये लोग पाकिस्तान पहुंचते, नौशाबा उन्हें ISI और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से मिलवाती.
Pakistan SPY Network

प्रतीकात्मक तस्वीर

Pakistan SPY Network: क्या आपने कभी सोचा कि सोशल मीडिया पर आपके फेवरेट यूट्यूबर या इन्फ्लुएंसर अनजाने में किसी बड़े जासूसी खेल का हिस्सा बन सकते हैं? जी हां, एक ऐसी सनसनीखेज कहानी सामने आई है, जिसमें पाकिस्तान की एक महिला ने भारत के सोशल मीडिया स्टार्स को अपने जाल में फंसाकर जासूसी का खतरनाक नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश की. इस मास्टरमाइंड का कोडनेम है ‘मैडम N’, और उसकी असली पहचान है नौशाबा शहजाद मसूद.

कौन है ये ‘मैडम N’?

लाहौर में रहने वाली नौशाबा शहजाद मसूद कोई साधारण महिला नहीं है. वह एक ट्रैवल एजेंसी ‘जैयाना ट्रैवल्स एंड टूरिज्म’ की मालकिन है और बाहर से देखने में एक बिजनेसवुमन लगती है. लेकिन पर्दे के पीछे वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और सेना के लिए काम करती है. उसका पति एक रिटायर्ड सिविल सर्वेंट है, जिसके रसूख का फायदा नौशाबा को मिलता है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने उसे ‘मैडम N’ का नाम दिया है, क्योंकि वह भारत में जासूसों का जाल बुनने की साजिश रच रही थी.

कैसे फंसाया यूट्यूबर्स को?

नौशाबा सोशल मीडिया पर एक्टिव यूट्यूबर्स और इन्फ्लुएंसर्स को निशाना बनाती थी, खासकर हिंदू और सिख समुदाय के लोगों को. वह उन्हें फ्री में पाकिस्तान घूमने का लालच देती थी. ‘आओ, हमारे देश की खूबसूरती देखो, मुफ्त में टूर करो.’ – बस यही जाल था. एक बार जब ये लोग पाकिस्तान पहुंचते, नौशाबा उन्हें ISI और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से मिलवाती. वहां उनसे जासूसी करने या स्लीपर सेल का हिस्सा बनने की बात की जाती. पिछले छह महीनों में नौशाबा ने करीब 3000 भारतीयों और 1500 विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को पाकिस्तान भेजा. यह सब दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों की मदद से हो रहा था. नौशाबा का रसूख इतना था कि वह फोन करके मिनटों में वीजा मंजूर करवा देती थी.

वीजा का खेल और ISI का जाल

आम तौर पर भारत से पाकिस्तान के लिए टूरिस्ट वीजा नहीं मिलता, लेकिन नौशाबा की सिफारिश पर ‘विजिटर वीजा’ आसानी से मिल जाता था. वह दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के फर्स्ट सेक्रेटरी सुहैल कमर, ट्रेड काउंसलर उमर शेरयार और ISI के एक अधिकारी दानिश से सीधे संपर्क में थी. ये लोग मिलकर नौशाबा की साजिश को अंजाम दे रहे थे.

नौशाबा खास तौर पर सिख और हिंदू तीर्थयात्रियों के टूर ऑर्गनाइज करती थी. वह पाकिस्तान के Evacuee Trust Property Board (ETPB) के साथ मिलकर काम करती और तीर्थयात्रियों से मोटी रकम वसूलती. इस पैसे का इस्तेमाल ISI की गतिविधियों और पाकिस्तान के प्रचार के लिए होता था.

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पैसों का लेन-देन और जासूसों का नेटवर्क

जांच में पता चला कि नौशाबा का एक पाकिस्तानी नंबर जासूसों के फोन से मिला. इसके अलावा दो पाकिस्तानी बैंक खातों के जरिए भारत से फंड ट्रांसफर होने का खुलासा हुआ. भारतीय जांच एजेंसियां अब इस मनी ट्रेल को खंगाल रही हैं. नौशाबा ने भारत के कई शहरों, खासकर दिल्ली में, अपने एजेंट्स का नेटवर्क बना रखा था. ये एजेंट्स सोशल मीडिया और अन्य तरीकों से उसकी ट्रैवल एजेंसी का प्रचार करते और नए लोगों को फंसाते. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इस साजिश का पर्दाफाश किया और कई जासूसों को गिरफ्तार किया. इन गिरफ्तारियों से नौशाबा के नेटवर्क की सारी परतें खुल रही हैं.

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