“विज्ञान से संस्कृति तक, हर मोर्चे पर भारत की दहाड़”, ‘मन की बात’ कार्यक्रम में PM मोदी ने क्या-क्या कहा?
पीएम मोदी
Mann Ki Baat: पीएम मोदी का हर महीने आने वाला ‘मन की बात’ कार्यक्रम इस बार सचमुच ‘दिल की बात’ बन गया. उन्होंने देश की उन शानदार सफलताओं का बखान किया, जिन पर हर भारतीय को गर्व महसूस होगा. विज्ञान से लेकर खेल और अपनी सदियों पुरानी संस्कृति तक, भारत कैसे हर मोर्चे पर नए झंडे गाड़ रहा है. पीएम मोदी ने हर एक बात बताई.
अंतरिक्ष में भारत का जलवा
पीएम मोदी ने कहा, “भारत के बहादुर अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से वापस लौटे और पूरा देश खुशी से झूम उठा. आपको याद होगा, जब चंद्रयान-3 ने चांद पर कदम रखा था, तो कैसे बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर किसी में विज्ञान को जानने की एक नई ललक पैदा हो गई थी. अब छोटे-छोटे बच्चे भी अंतरिक्ष विज्ञान में खूब रुचि ले रहे हैं.”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “भारत में स्पेस स्टार्टअप्स की तो बाढ़ सी आ गई है. जहां कुछ साल पहले 50 से भी कम स्टार्टअप थे, आज सिर्फ स्पेस सेक्टर में ही इनकी संख्या 200 के पार हो गई है. अगले महीने 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ है. इसे कैसे खास बनाएं, अपने नए-नए आइडिया नमो ऐप पर जरूर भेजें.”
ज्ञान के ‘ओलंपियाड’ में भारत का डंका!
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि सिर्फ अंतरिक्ष ही नहीं, ज्ञान के क्षेत्र में भी हमारे बच्चे कमाल कर रहे हैं. हाल ही में हुए इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्जवल केसरी ने मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया. और तो और, गणित में भी हमारे छात्रों ने इंटरनेशनल मेथमेटिकल ओलंपियाड में तीन गोल्ड, दो सिल्वर और एक कांस्य पदक जीते हैं.
अगले महीने मुंबई में एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स ओलंपियाड होने जा रहा है, और यह अब तक का सबसे बड़ा ओलंपियाड होगा. पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत ओलंपिक और ओलंपियाड, दोनों में ही आगे बढ़ रहा है.
यह भी पढ़ें: Bihar SIR: ‘बिहार के लोगों के साथ धोखा…’, ADR ने SC में चुनाव आयोग पर लगाए गंभीर आरोप
मराठा किलों का सम्मान
वहीं, पीएम मोदी ने मराठा किले को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा, “अपनी गौरवशाली संस्कृति और इतिहास को हम कैसे भूल सकते हैं? यूनेस्को ने 12 मराठा किलों को ‘विश्व विरासत स्थल’ के रूप में मान्यता दी है. इनमें 11 महाराष्ट्र के हैं और एक तमिलनाडु का. ये सिर्फ किले नहीं, बल्कि हमारी वीरता और दूरदर्शिता के प्रतीक हैं.
उन्होंने आगे कहा, “सल्हेर का किला जहां मुगलों को हार का सामना करना पड़ा था. शिवनेरी जहां छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ. समुद्र के बीच बना खानदेरी का किला, जहां दुश्मन उन्हें रोक नहीं पाए और शिवाजी महाराज ने असंभव को संभव कर दिखाया. प्रतापगढ़ का किला, जहां अफजल खान पर ऐतिहासिक जीत मिली थी. और विजयदुर्ग जहां गुप्त सुरंगें थीं, जो शिवाजी महाराज की अद्भुत दूरदर्शिता दिखाती हैं.”