क्या हार के बाद राजनीति छोड़ देंगे प्रशांत किशोर? जनसुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने क्या कहा, जानिए

Jan Suraaj Party News: प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी. राजनीति छोड़ने वाले उनके बयान पर पार्टी अध्यक्ष उदय सिंह ने साफ कहा कि प्रशांत किशोर राजनीति नहीं छोड़ेंगे.
National President of Jansuraj Uday Singh and Prashant Kishore

जनसुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह और प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)

Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज को करारा झटका दिया है. 150 सीटों का दावा करने वाले प्रशांत की पार्टी का खाता भी नहीं खुला. चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर हमारी पार्टी की 130-35 सीट आती है तो मैं इसे अपनी हार समझूंगा, पार्टी की हार समझूंगा. वहीं मीडिया इंटरव्यू के दौरान जदयू को लेकर बयान दिया था कि अगर JDU की 25 से ज्यादा सीटें आएंगी तो हम राजनीति छोड़ देंगे. प्रशांत किशोर अब राजनीति छोड़ेंगे या नहीं, इसको लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने प्रतिक्रिया दी है.

पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह से जब सवाल किया गया कि क्या प्रशांत किशोर राजनीति छोड़ देंगे? तो उन्होंने कहा, “बिल्कुल नहीं, वह राजनीति नहीं छोड़ेंगे. आप लोग चाहते हैं कि वह राजनीति छोड़ दें. अगर प्रशांत किशोर जैसे व्यक्ति और जन सुराज जैसी पहल खत्म हो जाए तो आपको खुशी होगी. आप इसे क्यों आगे बढ़ा रहे हैं? उन्हें राजनीति क्यों छोड़नी चाहिए? यह वाकई आश्चर्यजनक है.”

238 में 236 प्रत्याशियों की जमानत जब्त

जनसुराज पार्टी बिहार की 238 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें 236 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने एनडीए की जीत को लेकर कहा कि कहा कि हम निराश नहीं हैं. हमें सब पता है कि क्या करना है? उन्होंने नीतीश सरकार द्वारा महिलाओं को नगद वितरण को चुनाव में एक प्रमुख फैक्टर बताया और कहा कि इससे बिहार की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ेगा.

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बता दें, इस बार के चुनाव में एनडीए ने बंपर वोटों के साथ जीत दर्ज की है. एनडीए ने 243 सीटों में 202 पर बाजी मारी है. जिसमें भाजपा को 89, जदयू को 85, एलजेपी को 19 सीटें मिली. वहीं महागठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया, जिसमें आरजेडी को 25 सीट और कांग्रेस को 6 सीटों में जीत मिली है. वहीं वीआईपी और जनसुराज का खाता ही नहीं खुला.

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