6 KG गांजा, 500 ग्राम स्मैक…प्रतापगढ़ में ‘ड्रग माफिया’ के घर मिला इतना कैश, गिनने में लगे 22 घंटे
कार्रवाई करते यूपी पुलिस के अधिकारी
UP Police Cash Recovery: उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रतापगढ़ जिले में सक्रिय ड्रग माफिया (Pratapgarh Drug Mafia) के एक बड़े सिंडिकेट पर ऐसी कार्रवाई की है, जिसने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है. मानिकपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जेल के अंदर से ही अपना करोड़ों का नशा कारोबार चला रहा था. इस ऑपरेशन में पुलिस ने 2 करोड़ रुपये से ज़्यादा कैश और भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद की है. यह रकम इतनी ज़्यादा थी कि पुलिस को इसे गिनने में पूरे 22 घंटे लग गए. इसे पुलिस रिकॉर्ड में ड्रग केस से जुड़ी सबसे बड़ी कैश रिकवरी बताया जा रहा है.
अतीक पर शिकंजा कसने वाले IPS ने दिया ऑपरेशन को अंजाम
इस कार्रवाई का नेतृत्व खुद पुलिस अधीक्षक (SP) दीपक भूकर ने किया. SP भूकर वही कड़क अफसर हैं, जिन्होंने इससे पहले प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की थी. उनके निर्देश पर पुलिस टीम ने जेल में बंद कुख्यात तस्कर राजेश मिश्रा के ठिकाने पर छापा मारा. छापे के दौरान, पुलिस ने राजेश मिश्रा की पत्नी रीना मिश्रा , उसके बेटे विनायक मिश्रा, बेटी कोमल मिश्रा और दो अन्य रिश्तेदारों अजीत कुमार मिश्रा और यश मिश्रा को मौके से गिरफ्तार कर लिया.
जेल से चलता था ‘ड्रग्स का साम्राज्य’
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी राजेश मिश्रा जेल में होने के बावजूद अपने परिवार को फोन और मुलाकातों के जरिए निर्देश देकर गांजे और स्मैक का पूरा नेटवर्क चला रहा था. यह गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर मादक पदार्थों की सप्लाई करता था. जब पुलिस मानिकपुर के मुन्दीपुर गांव स्थित राजेश मिश्रा के घर पहुंची, तो रीना मिश्रा ने दरवाजा बंद कर लिया. दरवाजा खुलवाने पर अंदर मौजूद पांचों सदस्य काले प्लास्टिक के पन्नी में नकदी और नशे का सामान छिपाने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने पुष्टि की है कि यह घर ही तस्करी का मुख्य ठिकाना बन चुका था.
पुलिस ने इस ऑपरेशन में 3 करोड़ रुपये से अधिक की कुल बरामदगी की है. इसमें कैश 2 करोड़ 1 लाख 55 हजार रुपये , गांजा 6.075 किलो ,स्मैक 577 ग्राम शामिल है.
फर्जी जमानत और संपत्ति की कुर्की
पुलिस जांच में पता चला है कि रीना मिश्रा और उसके बेटे विनायक ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर राजेश मिश्रा की जमानत कराने की कोशिश की थी. इस धोखाधड़ी के लिए भी उन पर मुकदमा दर्ज किया गया है. SP दीपक भूकर ने बताया कि इस गिरोह पर पहले भी शिकंजा कसा जा चुका है और गैंगेस्टर एक्ट के तहत राजेश और रीना मिश्रा की पहले भी 3 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है.