राजस्थान में अब मृतक का शव रखकर नहीं कर सकेंगे प्रदर्शन, होगी 5 साल तक की जेल, नया कानून लागू
मृतक बॉडी (प्रतीकात्मक चित्र)
Rajasthan Mritak Sharir Samman Kanoon: राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने ‘मृतक शरीर सम्मान कानून’ के लिए 2023 में बिल पारित किया था, जिसके लिए भाजपा सरकार ने नियमों में बिना किसी बदलाव के अधिसूचित किए हैं. राजस्थान सरकार के इस नए नियम के अनुसार मृतक शरीर को रखकर विरोध प्रदर्शन करना, लाश पर राजनीति करना और बिना किसी कारणवश अंतिम संस्कार में देरी करना अपराध की श्रेणी में आएगा, जिसमें 5 साल की सजा तक का प्रावधान है. यानी अब 24 घंटे के अंदर ही मृतक का अंतिम संस्कार करना जरूरी होगा.
बता दें, गहलोत सरकार ने 20 जुलाई 2023 को विधानसभा में एक बिल पारित कर मृतक शरीर सम्मान कानून बनाने की मांग की थी. हालांकि इसे राज्यपाल से मंजूरी भी मिल गई, लेकिन इसके नियम जारी नहीं हुए. सबसे खास बात यह भी है कि इस बिल का भाजपा ने कड़ा विरोध किया था. लेकिन आज सत्ता में आने के बाद इसे बिना किसी बदलाव के नियम अधिसूचित कर दिए.
24 घंटे के अंदर करना होगा अंतिम संस्कार
राजस्थान सरकार के नए नियम लागू होने बाद अब किसी मौत के 24 घंटे के अंदर ही अंतिम संस्कार करना अनिवार्य होगा. ऐसा नहीं किया जाता है तो पुलिस मृतक के शव को सुपुर्द कर उसका अंतिम संस्कार कर देगी. 24 घंटे के बाद तक केवल और केवल उसी शव को रखा जा सकता है, जिसके परिजन या तो घर से बाहर हैं और आ रहे हैं या किसी कारणवश पोस्टमॉर्टम में समस्याएं आ रही हैं. अगर कोई ऐसा नहीं किया जाता तो 1 से 5 साल तक की जेल और जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया है.
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5 साल तक की सजा का प्रावधान
अगर कोई परिजन या नेता डेड बॉडी रखकर प्रदर्शन करेंगे या सड़क जाम करके प्रसाशन पर दवाब डालने का प्रयास करेंगे तो उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उन्हें सजा भी मिलेगी. इसके लिए चाहे कोई नेता हो या संगठन या फिर परिजन ही क्यों न हों. सबके लिए 5 साल तक की सजा का प्रावधान है. यानी अब विरोध करने के लिए शव का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया जा सकेगा. अन्यथा सीधे कानूनी कार्रवाई की जाएगी.