जूठे बर्तन साफ करेंगे पंजाब के पूर्व सीएम बादल, राम रहीम मामले में अकाल तख्त ने सुनाई सजा, वापस लिया गया ‘फख्र-ए-कौम’ सम्मान

धार्मिक सजा के तहत सुखबीर सिंह बादल और उनके साथियों को वॉशरूम साफ करने, बर्तन धोने और एक घंटा कीर्तन सुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्हें जनतक समागमों में बोलने से भी मना किया गया है.
Ram Rahim Apology Case

सुखबीर बादल, प्रकाश बादल और राम रहीम

Ram Rahim Apology Case: पंजाब की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी और महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जिसमें श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल से ‘फख्र-ए-कौम’ सम्मान वापस लेने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही, उनके बेटे और पार्टी के उपाध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को भी बर्तन धोने की सजा सुनाई गई है. यह मामला गुरमीत राम रहीम से जुड़ा हुआ है, और इस पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने ऐतिहात बरता है.

गुरमीत राम रहीम से जुड़ा विवाद

यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब 2015 में पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले सामने आए थे. उस वक्त प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री थे. आरोप है कि सुखबीर सिंह बादल ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में अपने निजी संबंधों का इस्तेमाल करते हुए, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर दबाव डाला. उनका उद्देश्य डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी दिलाना था. इस दबाव में प्रकाश सिंह बादल का भी नाम आया, और कहा गया कि वह इस पूरी घटना में शामिल थे.

सुखबीर बादल ने अपराध स्वीकार किया

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस मामले का खुलासा करते हुए कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने इस अपराध को कबूल किया है. उन्होंने माना कि उन्होंने गुरमीत राम रहीम को माफी दिलवाने के लिए जत्थेदारों पर दबाव डाला और इस मामले में उनके पिता प्रकाश सिंह बादल भी शामिल थे. इस कारण, श्री अकाल तख्त साहिब ने फैसला लिया कि प्रकाश सिंह बादल को दिया गया ‘फख्र-ए-कौम’ सम्मान वापस लिया जाए, क्योंकि उनका यह कृत्य सिख धर्म के सिद्धांतों और नैतिकता के खिलाफ था.

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सुखबीर सिंह बादल तन्खैइया घोषित

सुखबीर सिंह बादल को तन्खैइया घोषित कर दिया गया है, जो कि एक गंभीर धार्मिक सजा है. इस सजा के तहत, सुखबीर सिंह बादल और उनके साथियों को 3 दिसंबर को 12 बजे से 1 बजे तक बाथरूम साफ करने का आदेश दिया गया. इसके बाद उन्हें नहाकर लंगर घर में सेवा करनी होगी और फिर श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा. इसके अलावा, उन्हें श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठने की सजा दी गई है. इस दौरान उन्हें गले में तन्खैइया की तख्ती पहननी होगी.

वॉशरूम साफ करने और बर्तन धोने की सजा

इसके अलावा, धार्मिक सजा के तहत सुखबीर सिंह बादल और उनके साथियों को वॉशरूम साफ करने, बर्तन धोने और एक घंटा कीर्तन सुनने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्हें जनतक समागमों में बोलने से भी मना किया गया है. इसके साथ ही, जिन इश्तहारों के जरिए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफ़ी दी गई थी, उन इश्तहारों के पैसे सुखबीर सिंह बादल, बलविंदर सिंह भून्दड, दलजीत सिंह चीमा, और हीरा सिंह गाबाडिया को ब्याज सहित चुकाने होंगे.

यह निर्णय पंजाब की राजनीति और सिख धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है. श्री अकाल तख्त साहिब का यह कदम एक संदेश देने के लिए लिया गया है कि धार्मिक आस्थाओं और नैतिकता के खिलाफ कोई भी कार्य नहीं किया जा सकता.

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