EMI कम होने का इंतज़ार कर रहे हैं आप? इस बार RBI की ‘नो चेंज’ पॉलिसी, रेपो रेट में नहीं हुआ कोई बदलाव
प्रतीकात्मक तस्वीर
RBI MPC Meeting: क्या आप भी घर या गाड़ी के लोन की EMI कम होने का इंतज़ार कर रहे हैं? अगर हां, तो थोड़ा और इंतज़ार करना पड़ेगा. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी ताज़ा मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 5.5% पर बनाए रखने का फ़ैसला किया है. इसका मतलब है कि फिलहाल आपकी EMI में कोई बदलाव नहीं होगा, न बढ़ेगी, न घटेगी.
क्या है RBI का इरादा?
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि ये फ़ैसला सर्वसम्मति से लिया गया है. इस साल की शुरुआत में रेपो रेट में 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी, और अब RBI ये देखना चाहता है कि उस कटौती का असर बाज़ार में कितना हुआ है. आसान भाषा में कहें तो, RBI ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति अपना रहा है. वो यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पहले की गई कटौती का पूरा फ़ायदा ग्राहकों और अर्थव्यवस्था को मिले, तभी वह आगे कोई कदम उठाएगा.
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अच्छी ख़बरें और कुछ चुनौतियां
इस बैठक में कुछ अच्छी और बुरी, दोनों तरह की ख़बरें सामने आईं. अच्छी ख़बर ये है कि RBI ने वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई के अनुमान को 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया है. यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि इसका मतलब है कि चीज़ों के दाम बहुत ज़्यादा नहीं बढ़ेंगे. इसके साथ ही, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़कर 688.9 बिलियन डॉलर हो गया है, जो हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक मज़बूत संकेत है.
वहीं, एक चुनौती ये है कि वैश्विक व्यापार पर टैरिफ़ का दबाव बना हुआ है. अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ़ लगाने की धमकी दी है, जिससे अर्थव्यवस्था पर बाहरी जोखिम बढ़ गया है. हालांकि, आरबीआई ने इस स्थिति पर अपनी नज़र बनाए रखी है और वह घरेलू विकास को समर्थन देने के साथ-साथ इन वैश्विक झटकों से भी निपटने की तैयारी में है.
बाज़ार पर क्या असर?
इस घोषणा के बाद शेयर बाज़ार पर कोई ख़ास असर नहीं दिखा, क्योंकि बाज़ार को पहले से ही ऐसी उम्मीद थी. रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद थी कि रेपो रेट में कटौती होगी, जिससे होम लोन की EMI कम हो सकती थी, लेकिन फिलहाल उन्हें भी इंतज़ार करना पड़ेगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि RBI अब अक्टूबर या दिसंबर में कोई फ़ैसला ले सकता है, जब महंगाई और विकास के आंकड़े और ज़्यादा साफ़ हो जाएंगे.