45 में से अब बचे हैं सिर्फ 15 फीसदी हिंदू, रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, कौन रच रहा है संभल को बदलने की साजिश?

Judicial Commission Report: आजादी के समय संभल नगर पालिका में हिंदू आबादी 45% के आसपास थी. लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या घटती गई. 2011 की जनगणना के मुताबिक, शहर में मुस्लिम आबादी 78% थी, जबकि हिंदू 22% रह गए थे. अब आयोग का दावा है कि हिंदू आबादी और सिकुड़कर 15% पर आ गई है.
Sambhal Demographic Shift

प्रतीकात्मक तस्वीर

Sambhal Demographic Shift: आपने कभी सोचा है कि कैसे एक शहर की पहचान धीरे-धीरे बदल सकती है? अपनी गंगा-जमुनी तहजीब और ऐतिहासिक मस्जिदों के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश का संभल शहर एक रिपोर्ट की वजह से सुर्खियों में है. दरअसल, न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि संभल नगर पालिका क्षेत्र में हिंदू आबादी अब महज 15% रह गई है. जी हां, जहां आजादी के वक्त यहां 45% हिंदू थे, वहां अब यह आंकड़ा इतना नीचे आ चुका है. अब सवाल यह उठ रहा है कि बाकी लोग कहां गए? पलायन, सामाजिक बदलाव या कुछ और?

पिछले साल संभल में भड़क उठी थी हिंसा

पिछले साल 24 नवंबर 2024 को संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी. मस्जिद में पुरातत्व सर्वेक्षण चल रहा था, जिसे लेकर स्थानीय लोगों में तनाव बढ़ गया. पथराव, गोलीबारी और आगजनी ने शहर को हिलाकर रख दिया. इस घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा. इसके बाद, सरकार ने एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा, रिटायर्ड IAS अमित मोहन और रिटायर्ड IPS अरविंद कुमार जैन शामिल थे. इस आयोग ने अब अपनी जांच रिपोर्ट सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है, जिसमें संभल की बदलती डेमोग्राफी की चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई.

कैसे बदल रहा है संभल शहर?

रिपोर्ट के मुताबिक, आजादी के समय संभल नगर पालिका में हिंदू आबादी 45% के आसपास थी. लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या घटती गई. 2011 की जनगणना के मुताबिक, शहर में मुस्लिम आबादी 78% थी, जबकि हिंदू 22% रह गए थे. अब आयोग का दावा है कि हिंदू आबादी और सिकुड़कर 15% पर आ गई है. इसका सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है पलायन. आर्थिक तंगी, रोजगार की कमी और कभी-कभी सामाजिक तनाव ने हिंदू परिवारों को शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया. हालांकि, जिले के ग्रामीण इलाकों में हिंदू अभी भी बहुमत में हैं, लगभग 70 फीसदी, लेकिन शहर का कोर हिस्सा पूरी तरह बदल चुका है.

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हथियार, साजिश और लव जिहाद

रिपोर्ट में सिर्फ आंकड़े ही नहीं, कुछ और सनसनीखेज खुलासे भी हैं. दंगों के दौरान पुलिस को विदेशी हथियार मिले, जिनमें ‘मेड इन USA’ के निशान थे. अब सवाल यह है कि ये हथियार संभल तक कैसे पहुंचे? इसके अलावा, आयोग ने लव जिहाद, धर्मांतरण से जुड़ी सामाजिक गतिविधियों और सुनियोजित दंगों की आशंका भी जताई है.

संभल का इतिहास मुगल काल से जुड़ा है. लेकिन आज यह शहर सिर्फ अपनी धरोहरों के लिए नहीं, बल्कि बदलते सामाजिक ताने-बाने के लिए चर्चा में है. क्या यह बदलाव स्वाभाविक है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश? यह सवाल हर किसी के मन में है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है.

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