दिल्ली-NCR में पटाखा बनाने वालों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, ग्रीन फायरक्रैकर बनाने की दी इजाजत, मांगा अंडरटेंकिंग

कोर्ट ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा, 'बिहार में खनन को पूरी तरह बैन कर दिया गया, लेकिन वहां पर अवैध खनन माफिया बन गए. माफिया से सावधान रहने की जरूरत है. इसलिए एक संतुलित नजरिया जरूरी है.'
Supreme Court (File Photo)

सुप्रीम कोर्ट(File Photot

Firecrackers in Delhi-NCR: दिल्ली एनसीआर में पटाखा बनाने वाली निर्माता कंपनी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में हरित पटाखे (ग्रीन फायर क्रेकर) बनाने की परमिशन दे दी है. अभी तक इस पर रोक थी. 26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और पटाखा बनाने के लिए सशर्त जमानत दे दी गई है. हालांकि कोर्ट ने पटाखों की बिक्री को लेकर कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया है. मामले में अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होनी है.

‘पटाखों पर पूरी तरह बैन लगाना संभव नहीं’

मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूरी तरह बैन लगाना संभव नहीं है. कोर्ट ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा, ‘बिहार में खनन को पूरी तरह बैन कर दिया गया, लेकिन वहां पर अवैध खनन माफिया बन गए. माफिया से सावधान रहने की जरूरत है. इसलिए एक संतुलित नजरिया जरूरी है.’

NEERI और PESO के परमिट वाले ही बना सकते हैं पटाखे

सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद अब निर्माता कंपनी दिल्ली एनसीआर में पटाखा बना सकती हैं. हालांकि इसके साथ ही कोर्ट ने शर्त रख दी है. सिर्फ वे ही पटाखों को बना सकते हैं, जिनके पास ग्रीन पटाखा बनाने के लिए NEERI और PESO का परमिट है. इसके साथ ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने शुक्रवार को ये आदेश सुनाया.

सुप्रीम कोर्ट ने मांगा अंडरटेकिंग

सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे बनाने की परमिशन तो दे दी है, लेकिन साथ ही अंडरटेकिंग देने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा है कि अंडरटेकिंग में पटाखा निर्माताओं को ये बताना होगा कि अगली सुनवाई तक वे दिल्ली एनसीआर में कोई भी पटाखा नहीं बेचेंगे.

इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से तमाम स्टेक होल्डर्स से बात करके दिल्ली एनसीआर में संतुलित नीति बनाने को कहा है. साथ ही केंद्र से हलफनामा जमा करने के लिए कहा है.

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