SSC घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, कहा- नई नियुक्तियां होने तक अपने पदों पर बने रह सकते हैं शिक्षक

SSC Scam: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने करीब 26,000 बर्खास्त शिक्षकों को राहत दी है. कोर्ट ने कहा की जिन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हुई है, वे नई चयन प्रक्रिया पूरी होने तक पढ़ाना जारी रख सकते हैं.
SC on WB Teacher

SSC घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत

SSC Scam: एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले में आज सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों को बड़ी रहत दी है. SC ने पश्चिम बंगाल में हुए एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले में कहा है कि जब तक शिक्षकों की नई नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती, तब तक शिक्षक अपने पद पर बने रह सकते हैं.SC ने ये रहत उस शिक्षकों को दी है जिनकी नियुक्ति में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई थी.

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने करीब 26,000 बर्खास्त शिक्षकों को राहत दी है. कोर्ट ने कहा की जिन शिक्षकों की नियुक्ति रद्द हुई है, वे नई चयन प्रक्रिया पूरी होने तक पढ़ाना जारी रख सकते हैं. हालांकि, उनका नाम 2016 के घोटाले मामले में नहीं आया हो. कोर्ट ने कहा- हम नहीं चाहते कि बच्चों की पढ़ाई कोर्ट के फैसले से बाधित हो जाए.

CJI ने दिया आदेश

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा- ‘बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) को 31 मई तक भर्ती प्रक्रिया का नोटिफिकेशन जारी करना होगा. 31 दिसंबर तक चयन प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए. बंगाल सरकार और SSC को 31 मई तक भर्ती का विज्ञापन जारी कर उसका पूरा शेड्यूल कोर्ट को सौंपना होगा. अगर तय समय में प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो कोर्ट उचित कार्रवाई और जुर्माना लगाएगा.’

ग्रुप C-ग्रुप D शिक्षक को राहत नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति ग्रुप सी या फिर ग्रुप डी में आती है, उन्हें कोई राहत नहीं मिलने वाली है. SC का ये आदेश इसीलिए आया है क्योंकि दोनों ही कैटेगरी में धांधली के मामले ज्यादा हैं.

बात दें कि SSC स्कैम केस पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की ओर से आयोजित 2016 की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता से जुड़ा हुआ है. आरोप लगे हैं कि बड़े स्तर पर नियुक्तियों के दौरान धांधली हुई है. ऊपर से लेकर नीचे तक कई स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ, पक्षपात के जरिए करीबियों को नौकरी दी गई. यहां सबसे बड़ा खेल मेरिट लिस्ट में हुआ है. जिसमें कम अंक वालों को नौकरी मिली और ज्यादा अंक वालों को नहीं. साल 2022 में इस केस में CBI की एंट्री हुई और ममता के करीबी पार्थ चटर्जी से पूछताछ शुरू हुई थी.

यह भी पढ़ें: Employee के इस्तीफा देने का ये अंदाज हुआ वायरल, सोशल मीडिया पर छिड़ गई बहस

पार्थ चटर्जी 2014 से 2021 तक बंगाल के शिक्षा मंत्री रहे थे.इस घोटाले को लेकर उन पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने पूरे मंत्रालय को ही अपने कब्जे में रखा और मनमुताबिक नियुक्तियां हुईं.

ज़रूर पढ़ें