यूपी सरकार ने किसानों के लिए शुरू की धांसू स्कीम, अब होगी बंपर कमाई!
प्रतीकात्मक तस्वीर
UP Carbon Credit Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक शानदार और बिल्कुल नई पहल की है, जिससे उनकी जेब भी भरेगी और धरती भी हरी-भरी रहेगी. इसे नाम दिया गया है ‘कार्बन क्रेडिट फाइनेंस स्कीम’ और यकीन मानिए, यह भारत में अपनी तरह की पहली योजना है.
सोचिए, खेती से आपको सिर्फ फसल का पैसा नहीं, बल्कि पर्यावरण बचाने का भी इनाम मिलेगा. यह स्कीम ठीक इसी पर काम करती है. अभी तक 244 किसानों को 49.55 लाख रुपये मिल चुके हैं, और जल्द ही 401 और किसानों को 25.45 लाख रुपये दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में पेड़ लगाने के अभियान के दौरान इसकी शुरुआत की.
क्या है यह ‘कार्बन क्रेडिट’ का चक्कर?
आपने अक्सर ‘कार्बन उत्सर्जन’ के बारे में सुना होगा, जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ती है. कार्बन क्रेडिट एक तरह का सर्टिफिकेट है, जो यह बताता है कि आपने वातावरण से कितना कार्बन कम किया है या हटाया है. आसान भाषा में समझें तो, जैसे आप मेहनत करके फसल उगाते हैं, वैसे ही पेड़ लगाकर या ऐसी खेती करके जिससे कार्बन कम होता है, आप ये ‘कार्बन क्रेडिट’ कमाते हैं.
एक कार्बन क्रेडिट का मतलब है एक टन कार्बन डाइऑक्साइड को वातावरण से कम करना. और सबसे अच्छी बात? आप इन क्रेडिट्स को बाजार में बेच सकते हैं, जिससे आपको अतिरिक्त कमाई होती है. कल्पना कीजिए, आपका खेत अब सिर्फ अनाज नहीं, बल्कि पर्यावरण बचाने के लिए ‘पैसे’ भी उगाएगा.
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यूपी सरकार की यह स्कीम कैसे काम करती है?
उत्तर प्रदेश के किसान अपनी कड़ी मेहनत और ‘वन-कृषि’ के जरिए अब तक 42.19 लाख कार्बन क्रेडिट बना चुके हैं. हर पांच साल में प्रति क्रेडिट 6 डॉलर (लगभग 500 रुपये) की दर से किसानों को भुगतान किया जाता है. इस योजना में सरकार द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के साथ मिलकर काम कर रही है, जो पर्यावरण और ऊर्जा के क्षेत्र में एक जानी-मानी संस्था है.
इस स्कीम से किसानों को प्रति पेड़ 250 से 350 रुपये की अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है. यानी, जितने ज्यादा पेड़, उतनी ज्यादा कमाई. सरकार का अनुमान है कि 2024 से 2026 के बीच 25,140 किसानों को कुल 202 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा. यह भारत सरकार के 2070 तक ‘कार्बन न्यूट्रल’ बनने के बड़े लक्ष्य को पूरा करने में एक बहुत बड़ा कदम है.
हरियाली भी, खुशहाली भी
यह स्कीम सिर्फ पैसे कमाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ जैसे अभियानों के तहत, यूपी ने इस साल 37.21 करोड़ पौधे लगाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. पिछले आठ सालों में 240 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं, जिससे राज्य का हरा-भरा इलाका करीब 5 लाख एकड़ बढ़ गया है. आज, उत्तर प्रदेश का वन और वृक्ष आवरण बढ़कर लगभग 10% हो गया है, जो 2017 में 9.18% था.