UP परिवहन विभाग का बड़ा फैसला, 50 मीटर से कम विजिबिलिटी पर नहीं चलेंगी बसें

Uttar Pradesh Transport Department: परिवहन विभाग ने कहा कि अगर एक्सप्रेस-वे या अन्य किसी भी मार्गों पर विजिबिलिटी 50 मीटर से कम हो जाए, तो वहां पर तत्काल बस को रोककर किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाएं.
UP Transport Department's big decision Buses will not run if visibility is less than 50 meters.

UP में 50 मीटर से कम विजिबिलिटी पर नहीं चलेंगी बसें

UP Roadways: यूपी में घने कोहरे को देखते हुए परिवहन विभाग ने बड़ा फैसला किया है. परिवहन विभाग के अनुसार अत्यधिक कोहरे पड़ने पर रात में बस का संचालन बंद रहेगा. मजबूरी में बसें ग्रुप में धीमी गति से चलाई जा सकेंगी. इस दौरान चालकों को फॉग लाइट व सुरक्षा उपकरण अनिवार्य रहेगा. यह फैसला बीते दिनों में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए लिया गया है.

परिवहन विभाग ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर एक्सप्रेस-वे या अन्य किसी भी मार्गों पर विजिबिलिटी 50 मीटर से कम हो जाए, तो वहां पर तत्काल बस को रोककर किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाएं. विभाग के अनुसार बस को सुरक्षित रोक देने पर न सिर्फ चालक और यात्री सुरक्षित रहेंगे, बल्कि यातायात भी सुचारु रूप से चलता रहेगा. इसके लिए अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि आपात स्थिति में बिना किसी भ्रम के बस को सुरक्षित स्थानों पर रोका जा सके.

कोहरे की वजह से बढ़े हैं हादसे

परिवहन विभाग का मानना है कि रात के समय अंधेरे और कोहरे की वजह से कई गुना हादसे बढ़े हैं. जिसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि जोखिम उठाने की बजाय बसों को सुरक्षित स्थानों पर खड़ा करें. ऐसी स्थिति में किसी के दबाव में आकर बस चलाने की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी. विभाग ने यह भी कहा कि कभी-कभार ऐसी परिस्थिति निर्मित हो जाती है कि बस को चलाना अनिवार्य है, तो ऐसे मामलों में सभी सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए विशेष व्यवस्था अपनाने का निर्देश दिए हैं.

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वैकल्पिक व्यवस्था के लिए बनाया प्लान

परिवहन विभाग के अनुसार, अगर किसी मार्ग पर यात्री मौजूद हैं और किसी प्रकार से यात्रा को टालना संभव न हो, तो ऐसे में बसों को ग्रुप में चलाया जाएगा. इस दौरान सभी भस चालक आगे चल रही बस को देखकर दिशा और दूरी का अनुमान लगा सकेंगे. बसों की स्पीड भी काफी कम रखी जाएगी. ताकि किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके. समय रहते स्थिति को नियंत्रित किया जा सके. इसके लिए परिवहन विभाग के अधिकारी नजर बनाए रहेंगे.

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