बिहार में नवजातों पर कैंसर का खतरा! मां के दूध में मिला यूरेनियम, संकट में 6 जिलों के नैनिहाल

Uranium Found In Breast Milk: पटना के महावीर कैंसर संस्थान द्वारा अक्टूबर 2021 से जुलाई 2024 के बीच 6 जिलों की महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क पर रिसर्च किया गया. जिसके रिजल्ट ने सबको हैरान कर दिया.
Breast milk samples tested for uranium contamination in six Bihar districts

बिहार में 6 जिलों की मां के दूध में मिला यूरेनियम

Bihar Uranium In Breastmilk: बिहार की राजधानी पटना के महावीर कैंसर संस्थान ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. संस्थान द्वारा अक्टूबर 2021 से जुलाई 2024 के बीच 6 जिलों की महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क पर रिसर्च किया गया. जिसके रिजल्ट ने सबको हैरान कर दिया. क्योंकि दूध में यूरेनियम (U238) पाया गया. जबकि मां का दूध एक बच्चे के लिए सबसे ज्यादा उत्तम आहार माना जाता है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के 6 जिलों (भोजपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार और नालंदा) में रिसर्च किया गया. इसमें दिल्ली AIIMS के वैज्ञानिक भी शामिल थे. इस दौरान 17 से 35 साल की 40 महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क पर रिसर्च किया गया. जिसके परिणाम हर किसी को चौंका दिए.

खगड़िया में सबसे ज्यादा मामले

महावीर कैंसर संस्थान की स्टडी में डॉ. अरुण कुमार और प्रोफेसर अशोक घोष शामिल रहे. इसके अलावा AIIMS, नई दिल्ली के बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट के डॉ. अशोक शर्मा भी स्टडी में रिसर्च किया है. जिसमें पाया कि ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम की मात्रा 0 से 5.25 g/L तक रिकॉर्ड की गई. हालांकि, ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम की कोई लिमिट तय नहीं की गई है. सबसे ज्यादा खगड़िया में और सबसे कम नालंदा में औसत कंटैमिनेशन रिकॉर्ड किया गया है.

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क्या कहते हैं रिसर्चर्स?

AIIMS दिल्ली के को-ऑथर डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि दूध में यूरेनियम कैसे आया, अभी यह क्लियर नहीं है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भी इस पर जांच करने में जुट गया है. यूरेनियम फूड चेन में घुसना काफी खतरनाक है, यह कैंसर, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर और बच्चों की ग्रोथ पर असर डाल सकता है. ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम का पता चलना इस बात का संकेत है कि कंटैमिनेशन सबसे कमजोर आबादी, यानी नवजातों तक पहुंच गया है.

क्या स्तनपान रोकना चाहिए?

बिहार में इस रिपोर्ट ने सबको चौंका कर रख दिया. ऐसे में कुछ लोग कन्फ्यूज हो रहे हैं कि दूध पिलाना चाहिए या नहीं. रिसर्चर्स के अनुसार, ब्रेस्टफीडिंग जारी रखनी चाहिए. क्योंकि यह इम्यूनिटी और शुरुआती विकास के लिए बहुत जरूरी है, और इसे सिर्फ मेडिकल सलाह पर ही बंद करना चाहिए.

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