वर्कशॉप, डिनर और सांसदों-मंत्रियों पर कड़ी नज़र…उपराष्ट्रपति चुनाव में रह ना जाए कोई कसर, NDA ने कसी कमर

उपराष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान होता है, और व्हिप लागू नहीं होता. ऐसे में क्रॉस वोटिंग का खतरा हमेशा रहता है. लेकिन एनडीए कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है. उनकी कोशिश है कि उनके उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन बड़े अंतर से जीत हासिल करें.
VP Election 2025

पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा

VP Election 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. वहीं, एनडीए ने भी कमर कस ली है कि कोई कसर न रहे. 9 सितंबर को होने वाले इस बड़े चुनाव में एनडीए अपने 425 सांसदों की शत-प्रतिशत मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात एक कर रहा है. बीजेपी के बड़े दिग्गज जैसे जेपी नड्डा, अमित शाह और खुद पीएम मोदी इस मिशन को लीड कर रहे हैं. आइये जानते हैं कि एनडीए ने क्या-क्या जुगाड़ किए हैं इस बार…

हर सांसद पर नजर

एनडीए ने अपने सांसदों को कोई ढील नहीं देने का प्लान बनाया है. हर राज्य में एक केंद्रीय मंत्री और एक सांसद को जिम्मेदारी दी गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके राज्य के सभी लोकसभा और राज्यसभा सांसद दिल्ली पहुंचकर वोट डालें. मिसाल के तौर पर, उत्तर प्रदेश में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी मोर्चा संभाल रहे हैं. वहीं, बिहार में नित्यानंद राय और संजय जायसवाल बीजेपी सांसदों को लामबंद करेंगे, जबकि चिराग पासवान और संजय झा एलजेपी और जेडीयू सांसदों को वोटिंग के लिए तैयार रखेंगे.

वर्कशॉप में सीखेंगे वोटिंग का ‘गुरुमंत्र’

चुनाव में गलती की कोई गुंजाइश नहीं. इसके लिए एनडीए 6 से 8 सितंबर तक अपने सांसदों के लिए खास वर्कशॉप आयोजित कर रहा है. इस वर्कशॉप में सांसदों को बताया जाएगा कि वोटिंग के दौरान क्या करें और क्या न करें. जैसे मतपत्र पर सिर्फ वही पेन इस्तेमाल करना है जो चुनाव अधिकारी देंगे, और मतपत्र को सही तरीके से फोल्ड करना है ताकि स्याही न फैले. ये छोटी-छोटी बातें सुनिश्चित करेंगी कि एक भी वोट रद्द न हो.

पीएम मोदी देंगे डिनर

8 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी सभी एनडीए सांसदों को दिल्ली में एक शानदार डिनर दे रहे हैं. लेकिन ये सिर्फ डिनर नहीं, एक रणनीतिक चाल है. उसी दिन कई संसदीय समितियों की बैठकें भी रखी गई हैं, ताकि सांसदों की मौजूदगी पक्की हो जाए. और हां, इन बैठकों में सांसदों को टीए-डीए और हवाई किराया भी मिलेगा, तो बहाना बनाने का कोई चांस ही नहीं.

क्रॉस वोटिंग का डर?

उपराष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतदान होता है और व्हिप लागू नहीं होता. ऐसे में क्रॉस वोटिंग का खतरा हमेशा रहता है. लेकिन एनडीए कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है. उनकी कोशिश है कि उनके उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन बड़े अंतर से जीत हासिल करें. एनडीए के पास अभी 425 वोट हैं, जो जीत के लिए जरूरी 391 वोटों से 34 ज्यादा हैं. इसके अलावा, YSRCP (4 लोकसभा, 7 राज्यसभा सांसद) ने भी एनडीए को समर्थन देने का ऐलान किया है.

बीजेडी और बीआरएस का समर्थन भी पक्का?

एनडीए को बीजू जनता दल और भारत राष्ट्र समिति के समर्थन की भी उम्मीद है. बीजेडी के पास 7 राज्यसभा सांसद हैं और पीएम मोदी ने खुद नवीन पटनायक से फोन पर बात की है. हालांकि, बीजेडी ने कहा है कि वे आखिरी वक्त पर फैसला लेंगे. बीआरएस के पास 4 राज्यसभा सांसद हैं, और विपक्षी इंडिया गठबंधन उनसे अपने तेलुगु उम्मीदवार के लिए समर्थन मांग रहा है.

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60% वोट का टारगेट, पिछले रिकॉर्ड को तोड़ने की चाह

एनडीए के पास अभी करीब 55% वोट हैं, लेकिन उनकी नजर 60% से ज्यादा वोट हासिल करने पर है. 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने 74.4% वोटों के साथ धमाकेदार जीत हासिल की थी.

हालांकि, इस बार विपक्ष पहले से ज्यादा मजबूत है, तो एनडीए के लिए उस रिकॉर्ड को दोहराना चुनौतीपूर्ण होगा. एनडीए की इस जबरदस्त तैयारी को देखकर लगता है कि वे कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. वर्कशॉप, डिनर, और सांसदों पर कड़ी नजर, ये सब बताता है कि एनडीए इस बार पूरी ताकत झोंक रहा है. लेकिन क्या वे क्रॉस वोटिंग के खतरे को टाल पाएंगे और अपने उम्मीदवार को भारी अंतर से जिताएंगे? ये तो 9 सितंबर को ही पता चलेगा.

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