मनरेगा से भी आगे ‘जी राम जी’ योजना, अब 100 नहीं 125 दिन के काम की पक्की गारंटी, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
शिवराज सिंह चौहान
Viksit Bharat G Ram Ji Scheme: भारत के ग्रामीण परिदृश्य में आज एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हुई है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विकसित भारत: जी राम जी योजना’ को अपनी मंजूरी दे दी है, जिसके साथ ही यह अब देशभर में कानून के रूप में लागू हो गया है. केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस नए कानून को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ‘गेमचेंजर’ बताया है.
मजदूरों की बल्ले-बल्ले
इस कानून की सबसे बड़ी ताकत इसकी कार्य अवधि है. अब तक मनरेगा के तहत मजदूरों को साल में 100 दिन के काम की गारंटी मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है. शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि मजदूरों का कानूनी अधिकार है. उन्होंने कहा, “मजदूर भाइयों, अब आपको साल के चार महीने से भी ज्यादा समय के लिए रोजगार की पक्की गारंटी मिलेगी. यह कदम ग्रामीण परिवारों की आय में सीधी बढ़ोतरी करेगा.”
भत्ते और वेतन में भी बड़ा सुधार
सरकार ने केवल काम के दिन ही नहीं बढ़ाए, बल्कि नियमों को भी मजदूरों के पक्ष में सख्त किया है:
बेरोजगारी भत्ता: यदि आवेदन के बाद काम नहीं मिलता है, तो बेरोजगारी भत्ते का प्रावधान अब पहले से कहीं अधिक सशक्त होगा.
मजदूरी में देरी पर हर्जाना: यदि मजदूरों को समय पर पैसा नहीं मिला, तो सरकार उन्हें अतिरिक्त राशि का भुगतान करेगी. इससे भुगतान प्रणाली में पारदर्शिता और तेजी आएगी.
1.51 लाख करोड़ रुपए का बजट
इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए सरकार ने 1,51,282 करोड़ रुपए का विशाल बजट प्रस्तावित किया है. इस पैसे का इस्तेमाल केवल मजदूरी देने में ही नहीं, बल्कि गांवों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में होगा. इसमें जल संरक्षण, आपदा प्रबंधन और गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े स्थायी काम किए जाएंगे.
कर्मचारियों के लिए भी खुशखबरी
योजना के सफल क्रियान्वयन में जुटे पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों और तकनीकी स्टाफ के लिए भी बड़ी खबर है. सरकार ने प्रशासनिक व्यय (Administrative Expense) को 6% से बढ़ाकर 9% कर दिया है. कुल बजट का 9% लगभग 13,000 करोड़ रुपए होता है. इस फंड से कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलेगा, जिससे वे बिना किसी आर्थिक तनाव के गांवों के विकास में योगदान दे सकेंगे.
विपक्ष और अफवाहों पर तीखा प्रहार
सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चल रही अफवाहों पर विराम लगाते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मनरेगा को लेकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने साफ किया कि ‘जी राम जी योजना’ मनरेगा का अंत नहीं, बल्कि उसका एक उन्नत और विकसित संस्करण है, जो गरीब के हक और गांव के स्वावलंबन के लिए लाया गया है.
छोटे किसानों का भी रखा ख्याल
अक्सर खेती के सीजन में मजदूरों की कमी की समस्या आती है. इस कानून में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिससे छोटे किसान भाई-बहनों को खेती के समय कोई असुविधा न हो. यह कानून ‘विकसित भारत’ के संकल्प को पूरा करने की दिशा में ‘विकसित गांव’ की नींव रखने जैसा है.
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