संशोधित ‘वक्फ कानून’ के खिलाफ देशभर में उबाल! कोलकाता से मुंबई तक सड़कों पर प्रदर्शन
संशोधित 'वक्फ कानून' के खिलाफ देशभर में उबाल! कोलकाता से मुंबई तक सड़कों पर प्रदर्शन
Waqf Law: संसद के दोनों सदनों से वक्फ संशोधन बिल के पास होने और कानून बनने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों की लहर देखने को मिल रही है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस कानून को मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ बताते हुए देशव्यापी विरोध की अपील की है. दूसरी ओर, BJP ने दावा किया है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाएगा और मुस्लिम समुदाय को इसका लाभ मिलेगा. कोलकाता, लखनऊ और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों का मार्च
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ कैंपस में जोरदार प्रदर्शन किया. छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर से सर्कस क्रॉसिंग तक मार्च निकाला, जहां पहले भी विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं. छात्रों ने नारेबाजी करते हुए कानून को ‘वक्फ संपत्तियों पर कब्जे की साजिश’ करार दिया. प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही.
लखनऊ में शिया समुदाय का हल्ला बोल
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिया समुदाय ने भी इस कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की. जुमे की नमाज के बाद इमामबाड़े में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद की अगुवाई में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर ‘वक्फ संशोधन रद्द करो’ जैसे नारे लिखे थे. मौलाना जवाद ने कहा, “यह कानून मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक संपत्तियों को कमजोर करने की कोशिश है. हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.”
मुंबई में AIMIM कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद मुस्लिमीन (AIMIM) के कार्यकर्ताओं ने वक्फ कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध जताया. जुमे की नमाज के बाद बायकुला की हिंदुस्तानी मस्जिद के पास AIMIM नेता वारिस पठान के नेतृत्व में प्रदर्शन शुरू हुआ. प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए कानून को ‘मुस्लिम विरोधी’ बताया. हालांकि, मुंबई पुलिस ने प्रदर्शन के लिए अनुमति न होने का हवाला देते हुए पठान सहित 50-60 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने बताया कि करीब 15-20 मिनट तक चले इस प्रदर्शन के बाद स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया.
AIMPLB का ‘वक्फ बचाओ अभियान’
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस कानून के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है. बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने कहा, “11 अप्रैल से 7 जुलाई 2025 तक ‘वक्फ बचाओ अभियान’ चलाया जाएगा. हम इस कानून में मनमानी और वक्फ संपत्तियों को हड़पने की कोशिश के खिलाफ हैं.” उन्होंने मुस्लिम समुदाय से 30 अप्रैल को रात 9 बजे आधे घंटे के लिए अपने घरों और कारखानों की बत्तियां बंद कर ‘खामोश प्रदर्शन’ करने की अपील की. सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा, दिल्ली के रामलीला मैदान में भी एक बड़े विरोध कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है.
सियासी बयानबाजी में तेजी
वक्फ संशोधन कानून को लेकर सियासी बयानबाजी भी चरम पर है. बीजेपी नेता मोहसिन रजा ने AIMPLB पर निशाना साधते हुए कहा, “यह बोर्ड कांग्रेस का टूलकिट है और मुस्लिम समुदाय को भड़काने की कोशिश कर रहा है. पीएम मोदी मुस्लिमों के घरों में रोशनी लाएंगे, जबकि विपक्ष ने उन्हें लूटने का काम किया है.” दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए कहा, “संविधान हर नागरिक को शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार देता है. AIMPLB का प्रदर्शन लोकतांत्रिक है और उनकी मांग जायज है.”
वक्फ कानून पर क्यों है विवाद?
वक्फ संशोधन बिल में वक्फ बोर्डों के कामकाज में पारदर्शिता लाने और संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कई बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं. सरकार का दावा है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करेगा. हालांकि, विपक्ष और मुस्लिम संगठन इसे धार्मिक स्वायत्तता पर हमला मान रहे हैं. उनका कहना है कि इस कानून से वक्फ बोर्डों की स्वतंत्रता खत्म हो जाएगी और संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ जाएगा.
वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. AIMPLB और अन्य संगठनों ने शांतिपूर्ण आंदोलन को और तेज करने की बात कही है. दूसरी ओर, सरकार और बीजेपी इस कानून को मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्माने की संभावना है.