वक्फ संपत्ति पंजीकरण पर घमासान, ‘उम्मीद’ पोर्टल की मियाद बढ़ाने से सरकार का इनकार, ट्रिब्यूनल जा सकते हैं मुतवल्ली
वक्फ बोर्ड
Waqf Properties Registration: वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण के लिए बनाए गए ‘उम्मीद’ पोर्टल को लेकर संसद में शुक्रवार को जमकर बहस हुई. कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने सरकार से मांग की कि पोर्टल पर पंजीकरण की समयसीमा को तत्काल प्रभाव से छह महीने के लिए बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि तकनीकी समस्याओं और कम समय के कारण अभी भी लाखों वक्फ संपत्तियां पंजीकृत होने से रह गई हैं.
30% भी नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन: कांग्रेस सांसद
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने बताया कि ‘उम्मीद’ पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण का आज शुक्रवार आखिरी दिन है. उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इतनी कम अवधि में यह काम पूरा करना संभव नहीं था और अभी तक 30 प्रतिशत भी वक्फ संपत्तियां पंजीकृत नहीं हो पाई हैं. जावेद ने कहा, “हमने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भी यही बात उठाई थी. तकनीकी बाधाएं भी सामने आ रही हैं. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक भी वक्फ जायदाद का पंजीकरण छूटे नहीं.”
समयसीमा नहीं बढ़ेगी
हालांकि, कांग्रेस सांसद की इस मांग पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी और समयसीमा बढ़ाने की संभावना से साफ इनकार कर दिया. रीजीजू ने कहा कि वक्फ कानून लागू होने के बाद सभी संबंधित पक्षों को वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए छह महीने का पर्याप्त समय दिया गया था. उन्होंने बताया कि कई सांसदों और सामाजिक संगठनों ने समय बढ़ाने का आग्रह किया है, लेकिन छह महीने की यह अवधि पर्याप्त थी.
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पंजीकरण न कर पाने वालों को बड़ी राहत
मंत्री रीजीजू ने उन ‘मुतवल्लियों’ वक्फ संपत्तियों की देखभाल करने वाले के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की जो अंतिम दिन तक भी पंजीकरण पूरा नहीं कर पाए. उन्होंने बताया कि जो मुतवल्ली पंजीकरण करने का प्रयास करते हुए भी सफल नहीं हो सके, उन्हें अगले तीन महीने तक जुर्माने और किसी भी तरह की कठोर सज़ा से राहत दी जाएगी. मंत्री के अनुसार, शुक्रवार सुबह तक 1.51 लाख संपत्तियों का पंजीकरण हो चुका था, लेकिन यह भी सच है कि अभी भी बड़ी संख्या में संपत्तियां बाकी हैं.
ट्रिब्यूनल जाने का विकल्प खुला
रीजीजू ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग तय समय में पंजीकरण नहीं कर पाए हैं, वे वक्फ न्यायाधिकरण का रुख कर सकते हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने स्पष्ट किया था कि छह महीने की समय सीमा के बाद तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है. लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि ट्रिब्यूनल के पास इस समय सीमा को छह महीने तक आगे बढ़ाने का अधिकार है. इसका मतलब है कि वक्फ संपत्तियों के मालिकों के लिए कानूनी रास्ता अभी भी खुला हुआ है.