तब इंदिरा गांधी, अब PM मोदी…1971 भारत-पाक जंग से भी बड़ा क्यों है ‘ऑपरेशन सिंदूर’?

2016 की उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक अब तक भारत के सबसे बड़े जवाब माने जाते थे. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर इन दोनों से कहीं ज्यादा गहराई तक गया है. इस बार भारतीय सेना ने पाकिस्तान के उन हिस्सों को निशाना बनाया जो अब तक नो-गो ज़ोन माने जाते थे.
operation sindoor

ऑपरेशन सिंदूर

Operation Sindoor: जब भारत रात की गहरी नींद में डूबा था, भारतीय सेना ने एक ऐतिहासिक मिशन को अंजाम दिया, जिसकी गूंज सरहद पार पाकिस्तान के पंजाब तक सुनाई दी. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान लेने वाले आतंकियों को सबक सिखाने के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया. इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए. खास बात ये कि इस बार सिर्फ आतंकियों को ही निशाना नहीं बनाया गया, बल्कि आतंकियों के आकाओं को भी तबाह किया गया है. इस कार्रवाई को 1971 की भारत-पाक जंग से भी बड़ा क्यों माना जा रहा है? आइए, इसे विस्तार से समझते हैं.

ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों?

‘सिंदूर’ हिंदू महिलाओं की मांग में भरा जाने वाला लाल रंग है, जो उनके पति की लंबी उम्र का प्रतीक है. पहलगाम हमले में आतंकियों ने कई महिलाओं के पतियों को मार दिया, जिससे उनकी मांग का सिंदूर छिन गया. इस ऑपरेशन का नाम उन महिलाओं को सम्मान देने और उनके दर्द का बदला लेने के लिए रखा गया. खास बात ये कि इस ऑपरेशन का नाम खुद पीएम मोदी ने रखा.

हाई-टेक मिसाइलों का इस्तेमाल

भारतीय वायुसेना ने हाई-टेक मिसाइलों और ड्रोन्स का इस्तेमाल कर पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया. ये ठिकाने थे, बहावलपुर (जैश-ए-मोहम्मद का गढ़), मुरिदके (लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय), सियालकोट, मुझफ्फराबाद, कोटली, चाक अमरू जैसे इलाके. ये हमले इतने सटीक थे कि सिर्फ आतंकी ठिकाने तबाह हुए, बिना किसी आम नागरिक को नुकसान पहुंचाए. भारत ने पहली बार पाकिस्तान के पंजाब जैसे इलाकों में इतनी गहराई (250-300 किमी तक) में हमला किया, जो अब तक सबसे सेफ माने जाते थे.

1971 की जंग से तुलना क्यों?

1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा युद्ध हुआ था. तब भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया और पूर्वी पाकिस्तान को आजाद कराकर बांग्लादेश बनाया. उस जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की जमीन पर 40-50 किमी तक कब्जा किया था, जैसे सिंध में खोकरापार और पंजाब में लाहौर के पास के इलाके. लेकिन वो एक खुला युद्ध था, जिसमें टैंक, सैनिक और बड़े हथियारों का इस्तेमाल हुआ. पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था. यह युद्ध 13 दिनों तक चला और इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को 1971 से बड़ा मानने की कई वजहें हैं.

यह भी पढ़ें: Operation Sindoor: एयर स्ट्राइक में मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों का खात्मा, भाई रऊफ भी मारा गया

‘ऑपरेशन सिंदूर’ को 1971 से बड़ा क्यों कहा जा रहा है?

1971 में भारत ने जमीन पर 40-50 किमी तक घुसपैठ की थी. लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने बिना जमीन पर सैनिक भेजे, मिसाइलों से 250-300 किमी दूर पंजाब तक हमला किया. ये पहली बार है जब भारत ने पाकिस्तान के ‘मुख्य’ हिस्से में इतनी गहराई तक स्ट्राइक की. 1971 में भारत ने कई इलाकों में लड़ाई लड़ी, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में एक ही रात में 9 आतंकी ठिकानों को खत्म किया गया. इतने सारे ठिकानों पर एक साथ हमला भारत की ताकत दिखाता है.

1971 का युद्ध 13 दिन चला था, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कुछ घंटों में पूरा हुआ. भारत ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, बिना पाकिस्तान की सेना या आम लोगों को नुकसान पहुंचाए. 1971 में पुराने हथियारों और सैनिकों का इस्तेमाल हुआ. लेकिन इस बार भारत ने सुपर-एडवांस्ड मिसाइलें और ड्रोन्स यूज किए, जो बिल्कुल सटीक निशाना लगाते हैं.

उरी और बालाकोट से कैसे अलग?

2016 की उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक अब तक भारत के सबसे बड़े जवाब माने जाते थे. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर इन दोनों से कहीं ज्यादा गहराई तक गया है. इस बार भारतीय सेना ने पाकिस्तान के उन हिस्सों को निशाना बनाया जो अब तक नो-गो ज़ोन माने जाते थे. बालाकोट स्ट्राइक केवल एक ही ठिकाने तक सीमित थी, और उरी के बाद की कार्रवाई भी सीमित थी, लेकिन इस बार एक नहीं, पूरे नौ ठिकाने एक साथ निशाना बने.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की ताकत, हिम्मत और आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का सबूत है. 1971 में भारत ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया था, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकियों की कमर तोड़कर पाकिस्तान को बिना युद्ध के सबक सिखाया. ये उन मां-बहनों के आंसुओं का बदला है, जिनका सुहाग छीना गया. जैसा भारतीय सेना ने कहा, “न्याय हुआ, जय हिंद!”

ज़रूर पढ़ें