खिसियाए पाकिस्तान ने चीन-चीन चिल्लाना शुरू किया, कहा- चाइना भी ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक सकता है
भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने चीन- चीन चिल्लाना शुरू किया.
Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि समझौता स्थगित करने के साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले किए हैं. वहीं भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने चीन का राग अलापना शुरू कर दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इसहाक डार ने पाकिस्तानी मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत इस तरह से एकतरफा फैसला नहीं कर सकता है.
वहीं पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की सरकार में सचिव रहे राजा मोहम्मद रज्जाक ने एक्स पर लिखा, ‘भारत सिंधु जल संधि पर कोई भी एकतरफा फैसला नहीं ले सकता है. भारत को यह अंदाजा होना चाहिए कि चीन ब्रह्मपुत्र नदी के मामले में लोअर रिपेरीअन है. यानी ब्रह्मपुत्र चीन से निकलती है. बांग्लादेश में पहुँचने से पहले ब्रह्मपुत्र चीन से भारत आती है. पूर्वोत्तर भारत ब्रह्मपुत्र नदी पर बहुत हद तक निर्भर हैं. चीन भी भारत की तरह फ़ैसला कर सकता है.’
चीन के लिए ब्रह्मपुत्र का पानी रोकना आसान नहीं है
जानकार मानते हैं कि चीन के ब्रह्मपुत्र का पानी रोकने के दावे में दम नहीं है. चीन के लिए ये करना आसान नहीं होगा, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी का पानी चीन से होते हुए केवल भारत ही नहीं आता बल्कि ये नदी बांग्लादेश जाती है. ऐसे में पाकिस्तान के लिए ब्रह्मपुत्र का पानी रोकने से भारत ही नहीं बांग्लादेश के लिए भी समस्या हो जाएगा. पाकिस्तान के लिए चीन दो देशों को परेशान नहीं करना चाहेगा.
पाकिस्तान ने शिमला समझौता रद्द करने की घोषणा की
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने कई कड़े फैसले लिए हैं. जिनमें सिंधु जल संधि को स्थगित करने के की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. वहीं भारत के फैसलों के खिलाफ पाकिस्तान ने शिमला समझौता को निलंबित करने की घोषणा की है. इसके साथ ही भारत अब पाकिस्तान की हवाई सीमा का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा.
‘शिमला समझौते के निलंबन का भारत पर असर नहीं’
जानकारों का कहना है कि शिमला समझौते के निलंबन से भारत को कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि पाकिस्तान वैसे भी शिमला समझौते को पूरी तरह नहीं मानता था. शिमला समझौते के तहत दोनों देशों को LoC का सम्मान करना था, लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया. पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीजफायर की घटनाएं होती रहीं और घुसपैठ जारी रही हैं.
शिमला समझौते के निलंबन से पाकिस्तान की तरफ से कहा जा रहा है कि अब पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठा पाएगा. लेकिन पाकिस्तान ने इसके पहले भी शिमले समझौते को कभी नहीं माना और वो बार-बार कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय फोरम पर उठाता रहा.