India China Conflict: लद्दाख में चीन को घेरने की तैयारी में भारत, LAC पर बनाया ऐसा प्लान, चीनी सेना के उड़े होश
India China Conflict: हाल के दिनों में जम्मू कश्मीर में आतंक संबंधित घटनाओं में बढ़ोतरी और लद्दाख में चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायु सेना बड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है. भारतीय वायु सेना (IAF) ने लद्दाख में रणनीतिक लेह एयरबेस पर दूसरा रनवे बनाना काम शुरू कर चुका है. इस रनवे का उद्देश्य सेना और आर्टिलरी को आसानी से सीमा तक पहुंचान है. साथ ही नागरिकों की सुविधा के लिए इसका निर्माण किया जा रहा है.
राफेल और मिग-29 रोटेशन के आधार पर भरते हैं उड़ान
बता दें कि, हाल के वर्षों में लद्दाख के लेह में सैन्य और नागरिक उड़ानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. दूसरी ओर मौसम की मार की वजह से उड़ाने सीमित हो जाती हैं. साथ ही सैन्य अभियानों में मुख्य रूप से परिवहन विमान और हेलिकॉप्टर शामिल थे. इनकी संख्या सीमित थी, लेकिन अब भारत-चीन की सीमा यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मौजूदा स्थिति के कारण लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टरों के संचालन में काफी बढ़ोतरी हुई है. राफेल, मिग-29, एसयू-30 और अपाचे हेलिकॉप्टर सहित कई लड़ाकू विमान अब नियमित रूप से लेह से रोटेशन के आधार पर उड़ान भरते हैं. ऐसे में सेना ने अतिरिक्त रनवे बनाने का फैसला लिया है.
पिछले साल C-17 के रनवे पर फंसने से ठप पढ़ गया था बेस
गौरतलब है कि पिछले साल एक C-17 रनवे पर फंस गया था. इसके कारण एक ही रनवे होने के कारण कई उड़ाने प्रभावित हो गई थी. ऐसे में अगर कोई स्थिति युद्ध के समय उत्पन्न हो तो इससे युद्ध और रसद मिशन बाधित हो सकते हैं. साथ ही यह दुश्मन के लिए मजबूत कड़ी साबित होगा. लेह एयरबेस LAC और सियाचिन में भारत की सैन्य स्थिति को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. C-17, IL-76 और चिनूक जैसे भारी विमान के साथ ही AN-32 जैसे छोटे विमान 10 हजार फुट ऊंचे बेस तक लगातार चक्कर लगाते हैं और सैनिकों, आपूर्ति, हथियारों और उपकरणों को ले जाते हैं. यह सर्दियों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जब क्षेत्र का सड़क संपर्क बर्फ से कट जाता है.
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लद्दाख में सबसे अधिक ऊंचाई वाले एयरबेस में होंने दो रनवे
गौरतलब है कि, लद्दाख भारतीय वायुसेना का पहला ऐसा अधिक ऊंचाई वाला एयरबेस होगा, जिसमें दो रनवे होंगे. दिलचस्प बात यह है कि चीन के कब्जे वाले तिब्बत में कई चीनी एयरबेसों में कई रनवे हैं. उत्तर-पश्चिम चीन में एक दोहरी नागरिक-सैन्य हवाई अड्डे होटन में दो पक्के रनवे हैं. पूर्वी थिएटर में शिगास्ते और चांगदू बांगडा में भी ऐसी ही क्षमताएं हैं. चीन लगातार तिब्बत में अपने एयरबेसों को उन्नत कर रहा है. ताजा उपग्रह चित्रों से नई सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का पता चलता है. ऐसे भारत ने भी अपनी सीमाओं के सुरक्षित करने के लिए कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. लेह एयरबेस पर दूसरा रनवे बनाना इसी रणनीति का हिस्सा है.