‘बंगाल जलेगा तो दिल्ली जलेगा…’, ममता के बयान पर सियासी बवाल, भड़के असम-मणिपुर के सीएम ने किया पलटवार

Kolkata Rape-Murder Case: मंगलवार, ( 27 अगस्त ) को छात्रों की तरफ से नबन्रा अभियान का आह्वान किया गया था. वहीं इसके अगले दिन यानी की बुधवार को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने 12 घंटों के लिए 'बंगाल बंद' का ऐलान किया था.
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हिमंत बिस्वा सरमा, ममता बनर्जी और एन बिरेने सिंह

Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई महिला डॉक्टर की रेप और हत्या मामले के बाद से पश्चिम बंगाल सुर्खियों में बना हुआ है. मंगलवार, ( 27 अगस्त ) को छात्रों की तरफ से नबन्रा अभियान का आह्वान किया गया था. वहीं इसके अगले दिन यानी की बुधवार को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने 12 घंटों के लिए ‘बंगाल बंद’ का ऐलान किया था. बीजेपी की तरफ से बुलाए गए बंद के बाद बंगाल के अलग-अलग इलाकों से तस्वीरें सामने आईं. मामले के तूल पकड़ने के बाद टीएमसी की तरफ से पहले अभिषेक बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया और इसके बाद मुख्यमंत्री ममता का भी बयान आया.

बता दें कि बुधवार को टीएमसी की स्टूडेंट यूनिट तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद का स्थापना दिवस भी था. इस मौके पर ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में बीजेपी और उसके शीर्ष नेतृत्व पर जमकर हमला बोला. यहीं नहीं टीमएमसी प्रमुख ने बीजेपी पर कई आरोप भी लगाए. अपने बयान में उन्होंने कहा कि बीजेपी बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रही है.

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ममता बनर्जी के बयान के बाद से ही सियासी चर्चाओं का दौर जारी हो चुका है. उनके इस बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उन पर पलटवार किया.  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए सीएम  CM सरमा ने लिखा, ‘दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए. असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए. आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता.’

इसके बाद केंद्रीय मंत्री और बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यह टिप्पणी संवैधानिक पद पर बैठे किसी नेता की नहीं, बल्कि ‘राष्ट्र-विरोधी’ मानसिकता वाले किसी व्यक्ति की लगती है.’

पूर्वोत्तर को धमकाने की हिम्मत कैसे हुई- एन बीरेन

बुधवार के दिन ममता बनर्जी द्वारा दिए गए बयान के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, ‘दीदी ने पूर्वोत्तर को धमकाने की हिम्मत कैसे की? मैं इस तरह की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. उन्हें पूर्वोत्तर और देश के बाकी हिस्सों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. ममता जी को विभाजनकारी राजनीति के जरिए हिंसा और नफरत भड़काना तुरंत बंद करना चाहिए. किसी राजनीतिक नेता के लिए सार्वजनिक मंच पर हिंसा की धमकियां देना बेहद अनुचित है.’

ममता पर भड़के ओडिशा सीएम

वहीं, ममता के बयान पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा, ‘आपको किसने अधिकार दिया ओडिशा के बारे में ऐसे आपत्तिजनक बयान देने का? ओडिशा एक शांतिपूर्ण राज्य है और यहां के लोग जिम्मेदार और जागरूक हैं. ओडिशा के लोग आपके नफरत भरे रवैये, नकारात्मक टिप्पणियों और हमारे राज्य के प्रति असंवेदनशील रवैये को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे.’

उन्होंने आगे कहा कि जघन्य अपराध की पीड़िता को न्याय दिए बिना, आप जो प्रतिशोधात्मक टिप्पणियां कर रहीं हैं. यह देश के लिए खतरनाक है. कृपया इस तरह के बयानों से दूर रहिए, शांत रहिए.

ममता के इस बयान पर शुरू हुआ सियासी बवाल

CM ममता बनर्जी ने बीजेपी द्वारा बुलाए गए ‘बंगाल बंद’ पर बोलते हुए पार्टी को चेताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी बंगाल में जो आग लगाना चाहती है, वह दूर तक फैलेगी. ममता ने कहा, ‘अगर बंगाल को जलाया तो असम, नॉर्थ-ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे. हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे.’ उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग सोच रहे हैं कि यह बांग्लादेश है. मुझे बांग्लादेश से प्यार है, उनकी संस्कृति और भोजन हमारे जैसे ही हैं लेकिन बांग्लादेश एक अलग देश है और भारत एक अलग देश है.

देश के प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा, मोदी बाबू, आप चाहते हैं कि यह आग बंगाल में फैले, तो आपको यह समझना चाहिए कि अगर बंगाल में आग लगी तो असम नहीं बचेगा, बिहार नहीं बचेगा, यह मणिपुर या ओडिशा तक ही सीमित नहीं रहेगा. यह दिल्ली तक भी पहुंचेगा,”

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