Sandeshkhali Violence: संदेशखाली मामले में ममता सरकार को बड़ा झटका, हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

Sandeshkhali Violence: संदेशखाली मामले में सुप्रीम कोर्ट से बंगाल सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी को 50 दिनों तक गिरफ्तार नहीं करने से राज्य सरकार की नीयत पर सवाल उठते हैं.
Sandeshkhali Violence

संदेशखाली की CBI जांच नहीं रूकेगी

Sandeshkhali Violence: संदेशखाली मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के खिलाफ ममता सरकार की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से पूछा कि 50 दिनों तक आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई.

जानकारी के मुताबिक, आरोपी शाहजहां शेख की गिरफ्तारी के सवाल पर बंगाल सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट ने जांच पर रोक लगी दी थी. सरकार ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ के समक्ष दावा किया कि आरोपी शेख 29 फरवरी को गिरफ्तार हुआ, तबसे जांच में तेजी आई है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद मामले और शाहजहां शेख की हिरासत को सीबीआई को सौंपने के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. हालांकि न्यायालय हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार और राज्य पुलिस के खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने पर सहमत हो गया है.

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क्या है आरोप?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी को 50 दिनों तक गिरफ्तार नहीं करने से राज्य सरकार की नीयत पर सवाल उठते हैं. वहीं, ED/ CBI की पैरवी करते हुए ASG एसवी राजू ने कहा कि ये जनवितरण राशन यानी पीडीएस घोटाले से जुड़ा मामला था. जब जांच करने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम गई तो उसपर शाहजहां शेख के समर्थकों द्वारा हमला किया गया और ईडी के कई अधिकारी घायल हो गए. ASG ने कहा कि नेता और स्थानीय प्रशासन उसे संरक्षण देते रहे तभी उसे करीब दो महीने तक गिरफ्तार नहीं किया गया.

‘सरकार को अपने अत्याचारी नेता पर भरोसा’

बता दें कि शाहजहां शेख और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर संदेशखाली की महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने भी ममता सरकार को घेरा था. एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “गरीब, दलित, आदिवासी परिवारों की बहन-बेटियों के साथ TMC के नेता जगह-जगह अत्याचार कर रहे हैं. लेकिन TMC सरकार को अपने अत्याचारी नेता पर भरोसा है, बांग्ला बहन-बेटियों पर भरोसा नहीं है. इस व्यवहार से बंगाल की महिलाएं, देश की महिलाएं आक्रोश में हैं. नारीशक्ति के आक्रोश का ये ज्वार संदेशखाली तक ही सीमित नहीं रहने वाला.”

 

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