बिहार में ईद पर ‘सौगात-ए-मोदी’…मुस्लिम वोटर्स को लुभाने की सटीक रणनीति या सिर्फ चुनावी चाल?

इस कैंपेन के तहत, पार्टी बिहार के 32 लाख गरीब मुसलमानों तक पहुंचेगी और उन्हें ईद के मौके पर एक ‘सौगात’ यानी उपहार देने का वादा कर रही है. जी हां, बीजेपी के 32 हजार पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों में जाकर ये ‘सौगात-ए-मोदी’ देंगे.
PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब कुछ ही महीने बाकी हैं, और बिहार की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है. इसमें एक तरफ बीजेपी ‘सौगात-ए-मोदी’ के जरिए मुस्लिम वोटर्स को लुभाने की योजना बना रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी अपने ‘मिशन 50’ के तहत चुनावी मैदान में उतरी है. इस बार, चुनावी मुद्दे और रणनीतियां थोड़ी अलग है, तो आइए जानते हैं कि क्या है इस बार की खास बात?

गरीब मुसलमानों के लिए ईदी पैकेज!

बीजेपी ने अपने मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए एक और धमाकेदार कदम उठाया है, और इसका नाम है ‘सौगात-ए-मोदी’! इस कैंपेन के तहत, पार्टी बिहार के 32 लाख गरीब मुसलमानों तक पहुंचेगी और उन्हें ईद के मौके पर एक ‘सौगात’ देगी. जी हां, बीजेपी के 32 हजार पदाधिकारी 32 हजार मस्जिदों में जाकर ये ‘सौगात-ए-मोदी’ देंगे. अब यह कितनी बड़ी बात है, समझिए. हर मस्जिद में जाकर इन गरीबों को मदद देना, बीजेपी की यह रणनीति न केवल धार्मिक आधार पर वोट पाने की कोशिश है, बल्कि चुनावी मैदान में मुस्लिम समुदाय से सुलह की एक नई पहल भी है.

कांग्रेस का ‘मिशन 50

अब बात करते हैं कांग्रेस की. पार्टी ने 2025 में ‘मिशन 50’ का नारा दिया है. मतलब साफ है, कांग्रेस इस बार 50 सीटें जीतने का सपना देख रही है. लेकिन क्या ये सपना हकीकत में बदल सकता है? कांग्रेस खुद मानती है कि यह लक्ष्य आसान नहीं है, क्योंकि पिछली बार 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई थीं. लेकिन इस बार कांग्रेस ने ‘मिशन 50’ को लेकर अपनी रणनीति तैयार की है.

कांग्रेस के पास इस बार एक और शख्सियत है, जो उनकी मदद कर सकता है – बिहार की राजनीति में हमेशा से चौंकाने वाले कदम उठाने वाले तेजस्वी यादव. कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार वो अपनी खोई हुई जमीन वापस पा सकती है, लेकिन सीटों का वितरण एक बड़ा मसला बन सकता है. सीट शेयरिंग में कांग्रेस को महागठबंधन के दलों से सही हिस्सेदारी मिल पाना अभी भी एक सवाल है.

प्लान 45 – कांग्रेस का दिलचस्प गेम!

अब कांग्रेस ने ‘प्लान 45’ के तहत एक और खास योजना बनाई है. इस प्लान में कांग्रेस ने उन सीटों को फोकस किया है, जिन पर पिछले चुनावों में हार हुई थी. यानी कांग्रेस अब उन्हीं सीटों पर जोर दे रही है, जहां पर उसके लिए जीतने का चांस है. लेकिन यह जितनी आसान सुनाई देती है, उतनी है नहीं. क्योंकि कांग्रेस को सीटों के आवंटन में कई दिक्कतें आ सकती हैं, खासकर तब जब सीटों का वितरण महागठबंधन के बीच हो.

यह भी पढ़ें: ‘जाट’, ‘पठान’ और ‘राजपूत’…जातिवाद का नया बॉलीवुड फॉर्मूला! जानिए कितना पुराना है ये ‘खेल’

बिहार का चुनावी खेल!

अब बात करें बिहार की राजनीति के उस दिलचस्प मोड़ की, जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे से कांटे की टक्कर दे रहे हैं. लेकिन यहां एक सवाल उठता है कि क्या कोई तीसरी ताकत भी चौंकाने वाला कदम उठाएगी? बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू भी इस मैदान में हैं. इसके अलावा, और भी क्षेत्रीय दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं.

बीजेपी का मुस्लिम वोटर्स को लुभाने की कोशिश और कांग्रेस का ‘मिशन 50’ – ये दोनों ही कैंपेन बिहार की राजनीति को एक नया ट्विस्ट देने वाले हैं. अगर महागठबंधन सही तरीके से सीटों का बंटवारा करता है, तो कांग्रेस को 50 सीटों का लक्ष्य पाना उतना मुश्किल नहीं होगा. वहीं, बीजेपी अपनी ‘सौगात-ए-मोदी’ से उन समुदायों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है, जिनसे पार्टी को बहुत फायदा नहीं हुआ था.

ज़रूर पढ़ें