अब पार्टी नहीं, कैंडिडेट के हिसाब से होगा सीटों का बंटवारा, बिहार में NDA का नया फॉर्मूला!
एनडीए नेताओं की बैठक
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और इस बार सीट बंटवारे का तरीका कुछ अलग होने वाला है. दिल्ली में NDA के नेताओं ने एक अहम बैठक में आगामी चुनावी रणनीति पर चर्चा की, जिसमें यह साफ हो गया कि इस बार सीटों का बंटवारा कैंडिडेट के हिसाब से होगा, न कि पार्टी के आधार पर. यानी, प्रत्येक पार्टी को अपनी जीतने की क्षमता के आधार पर उम्मीदवारों का चयन करना होगा, और यही क्षमता ही चुनावी सफलता की कुंजी बनेगी.
बैठक में क्या-क्या हुआ?
बुधवार को दिल्ली में आयोजित की गई बैठक में एनडीए के सभी प्रमुख दलों के नेता शामिल हुए. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बैठक की अध्यक्षता की और एकजुट रहने की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने खासतौर पर आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन के टूटते रिश्तों का उदाहरण देते हुए कहा, “हम एकजुट हैं तो हम जीत सकते हैं. यदि हम विभाजित होते हैं तो हम गिर सकते हैं.”
कैंडिडेट के हिसाब से सीट बंटवारा
अब तक देखा गया है कि एनडीए सीटों का बंटवारा अपनी-अपनी पार्टी के आधार पर करता रहा है, लेकिन इस बार यह सब बदलने वाला है. सूत्रों के मुताबिक, इस बार प्रत्येक गठबंधन साथी को सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची देने को कहा जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि जिन सीटों पर उम्मीदवारों की जीत की संभावना ज्यादा हो, उन्हें वही उम्मीदवार मिलेगा जो चुनावी मुकाबले में सबसे मजबूत साबित हो.
एनडीए के एक सूत्र ने इस बारे में कहा, “हम इस बार उम्मीदवारों को देखेंगे, न कि सिर्फ पार्टी को. हर गठबंधन सहयोगी से कहा जाएगा कि वह हर सीट के लिए अपने संभावित उम्मीदवारों की सूची दे, और फिर वही उम्मीदवार चुना जाएगा, जो चुनाव जीतने की अधिक संभावना रखता हो.”
पीएम मोदी का बिहार दौरा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 और 30 मार्च को गोपालगंज में सहकारिता मंत्रालय की बैठक में शामिल होने वाले हैं. इस यात्रा में वह एनडीए के सभी साझेदारों के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे. इस बैठक का उद्देश्य गठबंधन की साझा रणनीति को लागू करना है. सूत्रों के मुताबिक, इस बार एनडीए सभी पार्टियों को एकजुट कर चुनाव लड़ने की योजना पर काम कर रहा है, जैसा कि महाराष्ट्र में हुआ था. एनडीए के नेता एक सामान्य घोषणापत्र के तहत चुनाव में उतरेंगे, और केंद्र सरकार के सभी नेता गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे.
पीएम मोदी भी बिहार का दौरा करेंगे और 24 तारीख को मधुबनी में ग्राम पंचायतों के कार्यक्रम में भाग लेने की संभावना है. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य बिहार में पार्टी की ताकत को और मजबूत करना है.
गठबंधन की शक्ति
इस बैठक में एनडीए के प्रमुख नेता शामिल हुए, जिनमें भाजपा के जेपी नड्डा, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान, HAM के जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ने अपने-अपने दलों की रणनीतियों को साझा किया. सभी नेताओं ने मिलकर आगामी चुनाव में एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने का संकल्प लिया.
अब सवाल यह है कि क्या इस नई रणनीति से एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव में सफलता प्राप्त कर पाएगा? समय बताएगा, लेकिन फिलहाल तो एनडीए की यह एकजुटता और नई रणनीति राज्य में चुनावी माहौल को पूरी तरह से बदलने का काम कर रही है.