बंगाल में बिहारी छात्रों की पिटाई करने वाला आरोपी कौन? सामने आया चौंकाने वाला नाम

बिहार के लोग नौकरी की तलाश में अक्सर दूसरे राज्यों में जाते हैं. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री के आंकड़ों के अनुसार, बिहार से 2 करोड़ 90 लाख से अधिक लोग दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जा चुके हैं. यह केवल उन लोगों की संख्या है जिन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है.
Bihar Students Beaten In Bengal

'बांग्ला पक्खो' संगठन से जुड़े आरोपी की तस्वीर

Bihar Students Beaten In Bengal: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने बंगाल से लेकर बिहार तक हलचल मचा दी है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि दो बिहार के छात्रों को पीटा जा रहा है. कथित तौर पर दोनों छात्र बिहार से बंगाल SSC की परीक्षा देने आए थे. यह घटना राजनीतिक चर्चाओं का विषय बन चुकी है, और इसके साथ ही कई सवाल भी उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि क्या ममता बनर्जी की सरकार आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, या यह केवल दिखावे की कार्रवाई रह जाएगी?

बिहार पुलिस ने जताई आपत्ति

वायरल वीडियो में कुछ लोग बिहार के छात्रों की पिटाई करते हुए दिख रहे हैं और उनसे कान पकड़कर माफी मंगवा रहे हैं. पिटाई करने वाले खुद को पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) का होने का दावा कर रहे हैं. बिहार पुलिस ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है और पश्चिम बंगाल पुलिस से आग्रह किया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें.

घटना में ‘बांग्ला पक्खो’ का हाथ

इस घटना के पीछे ‘बांग्ला पक्खो’ नामक कट्टरपंथी संगठन का नाम सामने आया है, जो पहले भी हिंदी साइनबोर्ड को मिटाने का काम कर चुका है. बंगाल पुलिस ने सिलीगुड़ी में बिहारी छात्रों की पिटाई के मामले में दो आरोपियों रजत भट्टाचार्य और गिरिधारी रॉय को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों पर छात्रों को परेशान करने और खुद को पुलिस बताने का आरोप है.

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आरोपी की दलील

आरोपी रजत भट्टाचार्य का दावा है कि बिहारी छात्रों के पास नकली प्रमाण पत्र हैं, और वे बंगाली युवाओं की नौकरियों पर कब्जा कर रहे हैं. उसने यह भी कहा कि उसे जानकारी मिली थी कि ये छात्र परीक्षा में नकल करने आए थे. हालांकि, इस दलील का कोई तर्क नहीं है, क्योंकि यदि उसके पास जानकारी थी, तो उसे पुलिस को सूचित करना चाहिए था, न कि खुद कानून को हाथ में लेना चाहिए था.

ललन सिंह ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना

इस घटना ने राजनीतिक तूल भी पकड़ लिया है. केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता ललन सिंह ने कहा, “क्या बंगाल में कोई कानून है? यह सरकार एक मिनट भी रहने का हक नहीं रखती.” वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ममता बनर्जी की सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वह अपने ही देश के छात्रों के साथ गुंडागर्दी की अनुमति दे रही है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने क्या कहा?

राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने बताया कि लालू यादव और तेजस्वी यादव ने इस मामले को लेकर ममता बनर्जी से बात की, जिसके बाद कार्रवाई हुई. वहीं टीएमसी नेता कुणाल घोष ने इसे स्थानीय मुद्दा करार दिया और कहा कि इस पर कोई बड़ा बयान देना सही नहीं है.

पलायन का मुद्दा

बिहार के लोग नौकरी की तलाश में अक्सर दूसरे राज्यों में जाते हैं. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री के आंकड़ों के अनुसार, बिहार से 2 करोड़ 90 लाख से अधिक लोग दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जा चुके हैं. यह केवल उन लोगों की संख्या है जिन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है.

यह घटना न केवल एक सामाजिक मुद्दा है, बल्कि यह राजनीतिक विवाद का भी कारण बन चुकी है. क्या ममता बनर्जी की सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी, या यह केवल दिखावे की कार्रवाई रह जाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा.

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