कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की तैयारी में बीजेपी, अमित शाह ने बताया पूरा प्लान
Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए अन्य वादों के अलावा, भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि वह कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए एक नई योजना शुरू करेगी. घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि नई योजना बहुत विस्तृत होगी और इसमें पूर्ण पुनर्वास पर ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई कश्मीरी पंडित और सिख समुदाय के लोग, जो आतंकवाद के चरम पर होने पर कश्मीर छोड़कर चले गए थे, उन्हें अपनी संपत्तियां बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा.
कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास कैसे होगा?
अमित शाह ने कहा कि कई कश्मीरी पंडित और सिख समुदाय के लोग, जब आतंकवाद अपने चरम पर था, तब कश्मीर छोड़कर चले गए थे और उन्हें अपनी संपत्तियां बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा कि केंद्र ने इस संबंध में काम करना शुरू कर दिया है. या तो उनकी संपत्तियां लौटाई जाएंगी या उनकी संपत्तियों के लिए राशि प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा, “हम 6000 लोगों के पुनर्वास के पूरा होने की ओर हैं.”
इससे पहले दिन में अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 ‘इतिहास’ बन गया है और केंद्र शासित प्रदेश में कभी वापस नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल की अवधि देश और जम्मू-कश्मीर के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी. भाजपा का घोषणापत्र जारी करने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने भाषण में कहा, “मैंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडे को देखा है. मैं पूरे देश को यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि अनुच्छेद 370 इतिहास बन गया है और कभी वापस नहीं आएगा.”
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अनुच्छेद 370 अब संविधान का हिस्सा नहीं: अमित शाह
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 अब संविधान का हिस्सा नहीं है. शाह ने कहा, “इस अनुच्छेद ने युवाओं के हाथों में सिर्फ हथियार और पत्थर दिए हैं और उन्हें आतंकवाद के रास्ते पर चलने में मदद की है.” उन्होंने कहा, “मैं उमर अब्दुल्ला से कहना चाहता हूं कि नतीजे चाहे जो भी हों, हम आपको गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ी लोगों को दिए गए आरक्षण को छूने नहीं देंगे.”