सिर पर गीता, हजारों छात्रों की भीड़…फिर BPSC के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़क पर उतरे खान सर

खान सर के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में कानूनी पहलू भी जुड़ा है. बिहार के छात्र अब पटना हाईकोर्ट से न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं. इस मामले में सुनवाई जारी है, और 28 फरवरी को इस पर फिर से सुनवाई होगी.
खान सर

खान सर

BPSC Exam Row: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा के परिणाम ने राज्य में एक नए विवाद को जन्म दिया है. इस बार, यह विवाद सिर्फ उम्मीदवारों के बीच ही नहीं, बल्कि बिहार के प्रसिद्ध शिक्षक और सोशल मीडिया स्टार खान सर के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन के रूप में सामने आया है. अपनी विशिष्ट शिक्षण शैली के लिए मशहूर खान सर ने अपनी आवाज़ बुलंद करते हुए कहा कि बीपीएससी की 70वीं परीक्षा को रद्द किया जाए और री-एग्जाम कराया जाए.

क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं छात्र?

बिहार की 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर छात्रों ने कई आरोप लगाए हैं. परीक्षा में कथित धांधली के आरोपों के बाद पूरे राज्य में गुस्सा फैल गया है. 13 दिसंबर और 4 जनवरी को आयोजित हुई इस परीक्षा में कुछ छात्रों का दावा है कि परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी हुई, जबकि कुछ ने तो यह आरोप लगाया कि कई केंद्रों पर पेपर लीक भी हुआ था. इस स्थिति ने परीक्षा की वैधता पर सवाल खड़े कर दिए और यही वजह है कि छात्र एकजुट होकर बीपीएससी की परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

खान सर ने इस प्रदर्शन को नेतृत्व दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक परीक्षा रद्द नहीं होगी और री-एग्जाम नहीं होगा, तब तक हम शांत नहीं बैठेंगे. पटना के गर्दनीबाग में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में हजारों छात्र-छात्राएं शामिल हुए. खान सर के साथ छात्र नारेबाजी कर रहे थे.

खान सर ने क्या-क्या कहा?

खान सर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर री-एग्जाम हुआ, तो इसका फायदा सिर्फ छात्रों को ही नहीं, बल्कि राज्य सरकार को भी होगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकार छात्रों के इस गुस्से को नजरअंदाज करती है, तो आगामी चुनावों में उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
खान सर ने कहा, “हमारे छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, और उनकी चिंता में किसी भी प्रकार का हल न निकलने पर सरकार के खिलाफ यह आंदोलन और तेज होगा.”

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समर्थन में कूदे बड़े नेता

इस विवाद को लेकर पहले ही कुछ प्रमुख राजनीतिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता छात्रों के समर्थन में आ चुके थे. पप्पू यादव, चिराग पासवान, राहुल गांधी, और प्रशांत किशोर जैसे नेता पहले ही इस मुद्दे को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. अब खान सर के साथ यह आंदोलन और भी तेज हो गया है. सभी नेताओं का मानना है कि बीपीएससी की परीक्षा में घपला हुआ है, और यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.

पटना हाईकोर्ट की सुनवाई

खान सर के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में कानूनी पहलू भी जुड़ा है. बिहार के छात्र अब पटना हाईकोर्ट से न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं. इस मामले में सुनवाई जारी है, और 28 फरवरी को इस पर फिर से सुनवाई होगी. छात्रों का मानना है कि यदि कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की और न्याय दिया, तो यह उनके अधिकारों की रक्षा करेगा.

बीपीएससी ने 23 जनवरी को परीक्षा के परिणाम घोषित किए थे, और इसके अनुसार कुल 328,990 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 21,581 उम्मीदवार सफल रहे थे. हालांकि, इस परीक्षा में धांधली के आरोपों के कारण कई उम्मीदवारों ने न केवल परीक्षा को रद्द करने की बल्कि पूरी प्रक्रिया की पुनरावृत्ति की भी मांग की है.

इस समय, छात्र पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि यदि बीपीएससी ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह मामला और ज्यादा बढ़ सकता है. खान सर का यह आंदोलन एक कड़ा संदेश दे रहा है कि जब तक छात्रों का भविष्य सुरक्षित नहीं होगा, तब तक वे चुप नहीं बैठेंगे.

आगे क्या होगा?

यह तो वक्त ही बताएगा कि बीपीएससी इस मामले में किस दिशा में कदम उठाता है. हालांकि, यह स्पष्ट है कि खान सर और छात्रों का गुस्सा अब किसी भी स्तर पर शांत नहीं होने वाला है. इस आंदोलन का असर बिहार की राजनीति और आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है. राज्य सरकार और बीपीएससी के लिए यह एक चुनौती है, क्योंकि छात्रों के भविष्य से जुड़े इस विवाद को नजरअंदाज करना उनके लिए महंगा पड़ सकता है.

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