दिल्ली शराब घोटाला केस में के कविता को बड़ी राहत, इन शर्तों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

K Kavitha Bail: सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सबूत जुटा लिए गए हैं लेकिन ट्रायल में समय लगेगा. जमानत देने से इनकार करने का हाईकोर्ट का आदेश बेल के कानूनी सिद्धांतों को नकारता है.
BRS Leader K Kavita

के कविता

BRS Leader K Kavitha Bail: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले में मंगलवार को भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के. कविता को जमानत दे दी है. उन्हें ईडी और सीबीआई केस में जमानत मिली है. अदालत ने दोनों केस में 10-10 लाख रुपये के बॉन्ड पर उन्हें जमानत दी है. उन्हें अपना पासपोर्ट निचली अदालत के पास जमा करना होगा. अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि वह पढ़ी-लिखी हैं या विधायक या सांसद हैं तो उन्हें पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों का लाभ से वंचित रखा जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सबूत जुटा लिए गए हैं लेकिन ट्रायल में समय लगेगा. जमानत देने से इनकार करने का हाईकोर्ट का आदेश बेल के कानूनी सिद्धांतों को नकारता है. सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बीआरएस पार्टी के सदस्य ने कृषांक ने पोस्ट कर कहा कि जेल में 164 दिन. कोई भी सबूत पेश नहीं किए गए. उनके खिलाफ लगाए गए झूठे आरोप भी सिद्ध नहीं किए जा सके. बीजेपी हार गई, कविता जीत गईं. सुप्रीम कोर्ट आपका धन्यवाद.

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के कविता को लेकर ईडी का दावा

बता दें कि कविता के लेकर ईडी का दावा था कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए विजय नायर और दूसरे लोगों को ‘साउथ ग्रुप’ ने 100 करोड़ की रिश्वत दी थी. कविता, इस साउथ ग्रुप का हिस्सा थीं. इस ग्रुप में दक्षिण के राजनेता, नौकरशाह और कारोबारी हैं. ईडी के मुताबिक, के कविता ने 19-20 मार्च 2021 को आरोपी विजय नायर से मुलाकात की थी. कविता को ईडी ने इसी साल 15 मार्च को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.

“जमानत मिलना समान व्यवहार”

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि महिलाओं को जमानत मिलना सामान्य व्यवहार है. याचिका में उसे दो बच्चों की मां के रूप में भी पहचाना गया है, जिनमें से एक नाबालिग है और वह सदमे में है. उन्होंने यह भी बताया कि कविता अब तक पांच महीने से अधिक समय जेल में बिता चुकी हैं, लेकिन किसी भी एजेंसी ने शराब लाइसेंस के लिए ‘साउथ ग्रुप’ द्वारा कथित तौर पर AAP को भुगतान किए गए ₹ 100 करोड़ की वसूली नहीं की है.

उन्होंने जोर देकर कहा, ”वह एक पूर्व सांसद हैं और इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वह न्याय से भाग जाएंगी… सामान्य प्रथा यह है कि महिलाओं को जमानत मिल जाती है,” जिस पर अदालत ने जवाब दिया, ”(लेकिन) वह महिला ‘असुरक्षित’ नहीं हैं.”

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