मोदी 3.0 अपना पहला बजट पेश करने के लिए तैयार, इनकम टैक्स से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर तक को बड़ी उम्मीद

देश में कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने के मामलों में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का योगदान महत्वपूर्ण है. बजट को लेकर टेक्सटाइल इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई यानी मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश करेंगी. विपक्ष इस दौरान नौकरियों और महंगाई पर सवाल उठा रहा है. बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2026 के लिए जीडीपी में 6.5-7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. बताया जा रहा है कि बजट में मोदी सरकार इनकम टैक्स और रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है. वहीं रोजगार के मसले पर भी बड़े ऐलान संभव है. आइये यहां बजट में क्या खास होने वाला है, विस्तार से जानते हैं…

अपने सातवें केंद्रीय बजट में सीतारमण नई विनिर्माण सुविधाओं के लिए कर प्रोत्साहन देने और रोजगार सृजन के लिए सभी क्षेत्रों में स्थानीय खरीद को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर सकती हैं. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सोमवार को बजट से पहले एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें विपक्ष के बयान का मुकाबला करने के लिए फ्लोर मैनेजमेंट और रणनीति पर चर्चा भी की गई. बजट के दौरान सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है.

बजट से क्या-क्या उम्मीदें?

सिंगल हाइब्रिड टैक्स व्यवस्था: सरकार ‘सिंगल हाइब्रिड टैक्स व्यवस्था’ की ओर बढ़ सकती है, क्योंकि नए करदाता पहले से ही नई कर व्यवस्था में हैं. नई व्यवस्था में छूट स्लैब को मौजूदा 3 लाख से बढ़ाकर कम से कम 4-5 लाख किए जाने की उम्मीद है.

पुरानी व्यवस्था के करदाताओं के लिए प्रोत्साहन: 15 लाख रुपये से अधिक आय वाले करदाता अभी भी पुरानी व्यवस्था को प्राथमिकता देते हैं. सरकार से उम्मीद है कि वे उन्हें नई व्यवस्था में जाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. संभवतः 15 लाख से 18 लाख रुपये के बीच की आय के लिए 25% की कर दर के साथ एक नया स्लैब पेश किया जा सकता है.

मानक कटौती: वित्त मंत्री से वेतनभोगी करदाताओं के लिए मानक कटौती को बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की भी उम्मीद है. अभी यह 50,000 रुपये है.

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रियल एस्टेट सेक्टर

रियल एस्टेट सेक्टर को इस बजट से बहुत उम्मीदें हैं, जिसमें कर राहत से लेकर किफायती आवास और जमीन से जुड़ी घोषणाएं शामिल हैं. लंबे समय से यह सेक्टर उद्दोग का दर्जा देने की मांग कर रहा है. वहीं होम लोन पर ब्याज में भी कटौती की सीमा 2 लाख से 5 लाख करने की मांग हो रही है. सरकार से रियल एस्टेट पर पूंजीगत लाभ के लिए होल्डिंग अवधि को मौजूदा 24 महीनों से घटाकर 12 महीने करने और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर की दर को कम करने की उम्मीद है, जो वर्तमान में 20% है.

टेक्सटाइल इंडस्ट्री को भी काफी उम्मीदें

इसके अलावा देश में कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने के मामलों में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का योगदान महत्वपूर्ण है. बजट को लेकर टेक्सटाइल इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं. हम उम्मीद करते हैं सरकार की पीएलआई स्कीम का लाभ लेने के लिए मिनिमम 100 करोड़ की निवेश की सीमा को कम करके 25 करोड़ तक ले आएगी, क्योंकि इस सेक्टर में अधिकतर उद्यमी माइक्रो और स्मॉल है. निवेश की सीमा कम करने और सरकार के प्रोत्साहन से जहां नए उद्योगों को पनपने का मौका मिलेगा वहीं बेहतर कंपटीशन भी होगा.

 

 

 

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