9 दिन में 100 घंटे की पूछताछ के बाद CBI ने दर्ज किया FIR, कोलकाता रेप कांड में फंसे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष!

कोलकाता डॉक्टर बलात्कार और हत्या मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय के साथ संदीप घोष का शनिवार को पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया. संजय रॉय ने जेल में टेस्ट कराया, जबकि संदीप घोष कोलकाता में सीबीआई के दफ्तर में पेश हुए.
Kolkata Rape Case

आरजी कर के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष संदीप घोष

Kolkata Rape Case: सीबीआई ने पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार मामले में पहली एफआईआर दर्ज की है. कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में ले लिया है. सीबीआई को भ्रष्टाचार मामले में सभी दस्तावेज शनिवार सुबह राज्य सरकार की विशेष जांच टीम से प्राप्त हुए. सीबीआई अधिकारियों और एजेंसी के वकील ने अलीपुर कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को एफआईआर की एक प्रति सौंपी.

संदीप घोष के खिलाफ आरोपों में लावारिस शवों की तस्करी से जुड़े आरोप शामिल हैं. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने बुधवार को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और गुहार लगाई कि संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी जाए. अली ने यह भी आरोप लगाया कि बलात्कार और हत्या के आरोपी संजय रॉय पूर्व प्राचार्य की सुरक्षा का हिस्सा थे. अली ने यह भी कहा कि घोष बांग्लादेश में बायोमेडिकल कचरे और चिकित्सा आपूर्ति की तस्करी में शामिल थे. संदीप घोष के खिलाफ आरजी कर अस्पताल के भ्रष्टाचार के दावों की जांच के लिए सीबीआई को अनुमति क्यों मिली, ईडी को नहीं?

CBI ने संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया

कोलकाता डॉक्टर बलात्कार और हत्या मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय के साथ संदीप घोष का शनिवार को पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया. संजय रॉय ने जेल में टेस्ट कराया, जबकि संदीप घोष कोलकाता में सीबीआई के दफ्तर में पेश हुए. घटना की रात ड्यूटी पर मौजूद चार अन्य डॉक्टरों और एक नागरिक स्वयंसेवक ने भी सीबीआई के दफ्तर में टेस्ट कराया.

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संजय रॉय की बाइक जब्त

शनिवार शाम को सीबीआई ने संजय की बाइक जब्त कर ली और उसे एजेंसी के दफ्तर ले गई. कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले का आरोपी संजय रॉय इसी बाइक से अस्पताल पहुंचा था. बाद में, वह अपराध के बाद उसी बाइक से लौटा. बाइक पर केपी (कोलकाता पुलिस) लिखा हुआ है. संजय रॉय एक नागरिक स्वयंसेवक था, लेकिन कथित तौर पर पुलिसकर्मी होने का दावा करके लोगों को डराता-धमकाता था.

 

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